गाजीपुर अफजाल और घोसी से अब्बास लड़ सकते है लोकसभा चुनाव
गाजीपुर। बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी युग खत्म होने के बाद अंसारी बंधुओं की पूछ काफी बढ़ गई है। पार्टी सुप्रीमो अब उन परपूरा एतबार कर रही हैं। यहां तक कि उन्हें संगठन में लाने को वह तैयार थीं लेकिन खुद पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने फिलहाल ऐसी कोई जिम्मेदारी लेने से साग्रह मना कर दिए। पार्टी सूत्रों की मानी जाए तो मायावती चाहती हैं कि अंसारी बंधु 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ें।
अफजाल अंसारी को वह दोबारा गाजीपुर तथा म विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को लोकसभा की घोसी सीट से टिकट देंगी। इसके लिए उन्हें आठ जुलाई को मुलाकात के लिए बुलावा भेजी हैं। सूत्रों ने बताया कि अंसारी बंधुओं के अलावा बलिया लोकसभा सीट के लिए प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी को भी उसी दिन बुलाया गया है। मायावती उस दिन लोकसभा की कुल आठ सीटों की उम्मीदवारी तय कर देंगी। मंगलवार को गाजीपुर आए पार्टी के चीफ जोनल कोआर्डिनेटरडॉ.राम कुमार कुरील इस सम्बन्ध में बताया था कि जल्द ही लोकसभा प्रभारियों की घोषणा हो जाएगी।
डॉ.कुरील ने पार्टी के जिला कार्यालय में बैठक की। डॉ.रमाशंकर राजभर को जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी घोषित किए जबकि पूर्व प्रभारी कालीचरण राजभर को जोनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपे। कहे कि यह फैसला पार्टी अध्यक्ष मायावती का है। बैठक का संचालन जिलाध्यक्ष रामप्रकाश गुड्डू ने किया। मालूम हो कि अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2004 में चुनाव लड़े थे। तब वह सपा के उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा के मनोज सिन्हा को करीब दो गुने अंतर से हराया था। उन्हें चार लाख 15 हजार 687 वोट मिले थे। सिन्हा मात्र दो एक लाख 88 हजार 910 वोट पर ही रह गए थे लेकिन वर्ष २००९ के चुनाव में वह दोबारा गाजीपुर सीट से बसपा के टिकट पर लड़े थे और हार गए थे। आमने-सामने की लड़ाई में सपा के राधेमोहन सिंह ने उनको 70 हजार से अधिक वोटों से हराया था। उधर मुख्तार अंसारी घोसी सीट पर सन् 1996 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय को कड़ी टक्कर दी थी। उनको एक लाख 89 हजार 237 वोट हासिल हुए थे। कल्पनाथ एक लाख 94 हजार 789 वोट पाए थे।