भारतीय क्रिकेट के लिए 13 जुलाई एक यादगार दिन है, जानें क्या हुआ था उस दिन
शबाब ख़ान
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 13 जुलाई का दिन बहुत ही खास दिन रहा है, जिसे हम बार-बार याद करना चाहेगें। टीम इंडिया अब तक दो बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर चुकी है, भारतीय क्रिकेट नें विश्व को एक ऐसा सितारा दिया जिसनें विश्व क्रिकेट के सारे पुरानें रिकार्ड को तोड़ते हुये भारतीय क्रिकेट को ऐसे स्थान पर पहुँचा दिया जिसकी कल्पना भी शायद की किसी ने की हो। विश्व क्रिकेट के पुरोधा उसके नाम के आगे ‘ग्रेट’ लगाने को मजबूर हो गये, हम बात कर रहे हैं
सचिन रमेश तेंदुल्कर की। फिर विश्व नें महेंद्र सिंह धोनी के कई चमत्कार देखे, इस पूर्व कप्तान की अगुवाई में भारत नें लगभग सभी चैंपियनशिप जीती है। अब विराट कोहली के हाथ में टीम इंडिया की बागडोर है। हमनें एक लंबा सफर तय किया है, कई अभेद उपल्बधियॉ हासिल की हैं, लेकिन इन सब के बीच 13 जुलाई का दिन कुछ खास है। ऐसे कम ही लोग होगें जिन्हे यह पता हो कि भारतीय क्रिकेट नें आज ही के दिन यानि 13 जुलाई को वन डे क्रिकेट की शुरूआत की थी।
भारत वनडे क्रिकेट में अबतक 917 मुकाबले खेल चुका है, इस स्वर्णिम सफर में वो आज ही का दिन था जब 2002 में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में अपनी सबसे शानदार जीत भी दर्ज की थी। अपने वनडे क्रिकेट का 505वॉ मैच खेलते हुए 2002 में आज के दिन ही भारत ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स के मैदान पर हराकर अपनी सबसे यादगार वनडे जीत दर्ज की थी। भारतीय क्रिकेट के करोड़ों फैंस में सें बहुत कम फैंस को ध्यान होगा कि इसी दिन 1974 में भारत ने वनडे क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा था। आज हम बेशक हजार वनडे खेलने की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन 1974 की 13 जुुुुलाई यादगार थी और रहेगी। भारत एक ऐसे फार्मैट में कदम रख रहा था जिसमें उसे व उसके खिलाड़ियों को कई महान रिकॉर्ड दर्ज करने थे।
भारत ने यह शुरुआत इंग्लैंड की जमीन पर की थी, किसी को क्या पता था कि आगे भारत अपना पहला वर्ल्ड कप (1983) भी इंग्लैंड की जमीन पर जीतेगा और फिर सालों बाद इसी जमीन पर अपनी सबसे यादगार वनडे जीत (2002) भी दर्ज करेगा। भारतीय नें अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1932 में की थी। सीमित ओवर क्रिकेट की शुरूआत 1971 में हुई थी और हमने 1974 में इस प्रारूप में अपना आगाज कर दिया था।
क्या हुआ था भारत के पहले वनडे मैच में
इंग्लैंड के खिलाफ 55-55 ओवर का यह मुकाबला 13 जुलाई 1974 को था। भारत-इंग्लैंड के बीच दो वनडे मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला था। मेजबान इंग्लिश टीम 1972 में अपना पहला वनडे मैच जीत चुकी थी और उसे इस फॉर्मेट में दो साल हो चुके थे इसलिए जाहिर तौर पर दबदबा उन्हीं का था। भारत के खिलाफ मुकाबला हेडिंग्ले के मैदान पर खेला जा रहा था और इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया। कप्तान अजीत वाडेकर की अगुवाई में भारत पहले बल्लेबाजी करने उतरा। सुनील गावस्कर (28) और सुधीर नायक (18) की ओपनिंग जोड़ी 50 रन के अंदर आउट हो गई थी। इसके बाद कप्तान वाडेकर ने मोर्चा संभाला और 82 गेंदों पर 67 रनों की शानदार पारी खेली। इस दौरान विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर (32) ने भी उनका साथ दिया और बाद में बृजेश पटेल ने 78 गेंदों पर 82 रनों की पारी खेलकर टीम के स्कोर को अच्छी उड़ान दे दी। भारत 53.5 ओवर में 265 रन पर सिमट गया लेकिन पहले वनडे मैच के हिसाब से ये एक बेहतरीन स्कोर माना जा रहा था।
इंग्लैंड ने 266 रनों को चेस करते हुये,अपना पहला विकेट ओपनर डेनिस अमिस (20) के रूप में 37 के स्कोर पर गंवा दिया और उनको आउट करने वाले एकनाथ सोल्कर भारत की तरफ से पहला वनडे विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए। भारत की शुरुआत अच्छी लग रही थी लेकिन इसके बाद ओपनर डेविड लॉयड (34), जॉन एडरिच (90), कीथ फ्लेचर (39) और टोनी ग्रेग (40) ने कुछ शानदार पारियां खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। इंग्लैंड ने 51.1 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया और भारत को अपना पहला वनडे मैच 4 विकेट से गंवाना पड़ा। भारत की तरफ से एकनाथ सोल्कर और बिशन सिंह बेदी ने दो-दो विकेट लिए जबकि मदन लाल और श्रीनिवास वेंकटराघवन ने एक-एक विकेट झटका। सीरीज का दूसरा व अंतिम मैच इंग्लैंड ने छह विकेट से जीतकर सीरीज पर 2-0 से कब्जा किया था।
अपनी पहली जीत को हासिल करनें के लिए भारतीय क्रिकेट टीम को एक साल का इंतजार करना पड़ा। मगर यह जीत बेहद खास रही क्योंकि ये पहली जीत पहले वनडे विश्व कप में मिली थी। मजेदार बात ये थी कि भारत ने ये जीत हेडिंग्ले (इंग्लैंड) के उसी मैदान पर हासिल की जिस पर उसने एक साल पहले अपना पहला वनडे मैच खेला था।
विश्व कप के उस मैच में भारत का सामना ईस्ट अफ्रीका से था और इस मुकाबले में भारत ने ईस्ट अफ्रीका को 120 रन पर समेटने के बाद बिना कोई विकेट गंवाए 10 विकेट से शानदार जीत दर्ज की थी। भारत की तरफ से गेंदबाजों में मदन लाल (3/15) ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जबकि बल्लेबाजों में सुनील गावस्कर ने नाबाद 65 रन और फारुख इंजीनियर ने नाबाद 54 रनों की पारी खेलकर भारत को आसानी से जीत तक पहुुंचा दिया था।