जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं अधीक्षण अभियंता
सुशासन के नाम पर जनता ने भारतीय जनता पार्टी को केंद्र से लेकर राज्य में सिर माथे लिया परंतु भ्रष्टाचार की जड़ें वहीं पर हैं! इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं को फोन भी किया गया परंतु उन्होंने अपना पल्ला झाड़ कर दूसरे की तरफ धकेल दिया! इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं कुछ दाल में काला है! अर्थात विभाग में मैनेज किया है, और कहां गई समाजवादी पार्टी कोई भी नेता इस प्रकरण पर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन आखिर क्यों नहीं दे रहा है! खुदागंज विद्युत उपकेंद्र पर कुछ संविदा कर्मियों की शिकायत सामने आई थी जिस पर ऑल इन्डियी रिपोर्ट एसोसिएशन की टीम ने वहां जाकर कवरेज की थी! इस खबर को प्रमुखता से छापा गया था! खुदागंज विद्युत उपकेंद्र पर जैसे सारी समस्याओं को पूछा गया तब यह खुदागंज ने स्वीकार किया था कि उन्हें तो हकीकत में ठेकेदार का नाम तक नहीं पता है क्योंकि इसमें बहुत ऊंचे रसूख वाले लोग मिले हुए हैं! इस मामले की शिकायत संविदा कर्मियों ने जिलाधिकारी शाहजहांपुर को भी की थी! परंतु संविदा कर्मियों को अभी तक न्याय नहीं मिला है! एक आरटीआई कार्यकर्ता ने अधीक्षण अभियंता से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत बिंदुवार सूचनाएं मांगी थी परंतु अधीक्षण अभियंता ने कोई भी जवाब नहीं दिया इसके उपरांत आरटीआई कार्यकर्ता ने अधीक्षण अभियंता, शाहजहांपुर को एक स्मरण पत्र भेजा तब अधीक्षण अभियंता ने उसका जवाब दिया जिसको पढ़ कर किसी को भी हैरानी होगी!अधीक्षण अभियंता ने बिंदुवार सूचना नहीं दी और न संविदा कर्मियों की समस्या को लेकर कोई जवाब दिया बल्कि सीधे-सीधे उसमें लिखा कि विद्युत अधीनस्थ मंडलों में कोई संविदा कर्मी नहीं है! शाहजहांपुर में जनप्रतिनिधि और इसी विभाग के उनके अधिकारी भी उनके व्यवहार से काफी खफा है परंतु उनका कहना है कि उनकी मजबूरी है क्योंकि काम उनके अंडर में करना है अतःसामने कुछ नहीं कर सकते अन्यथा वह उनको बेवजह परेशान करेंगे कभी सेलरी काटेंगे तो कभी कुछ और शोषण करेंगे!विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों का यह कहना है कि उनकी मजबूरी है क्योंकि वही उनके साहब हैं! अब विडंबना देखिए कि अधीक्षण अभियंता जनसूचना अधिकार अधिनियम से ऊपर हो गए! एक पत्रकार ने जब अधीक्षण अभियंता को फोन किया और पूछा कि एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आपको आरटीआई भेजी थी जिसका आपने जवाब संतोषजनक नहीं दिया तब वह भड़क उठे और बोले जो उन्हें जवाब देना था दे दिया ,अब जाओ कोर्ट कचहरी करो जाकर वहां हम जवाब दे देंगे ! यह भारत सरकार के बनाए गए कानून का खुला उल्लंघन है!