रोटी संग हाथ जोड़ के उद्योग व्यापार संगठन ने की स्वर्ण मंदिर में लंगर सेवा की खाद्य सामग्री को जीएसटी मुक्त करने की मांग
समीर मिश्रा
अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की यहां पर आम दिनों में लगभग 50 हज़ार श्रद्धालुओं और त्योहार और सप्ताहांत के दिनों में लगभग 1 लाख श्रद्धालुओं को एक साथ खाना खिलाया जाता है। स्वर्ण मंदिर के लंगर से कोई भी भूखा नहीं जाता। यह लंगर सिर्फ 2 घंटे के लिए ही बंद होता है ताकि रखरखाव का काम किया जा सके।यहां पर एक दिन में खाना बनाने के लिए लगभग 7,000 किलोग्राम आटा, 1,200 किलोग्राम चावल, 1,300 किलोग्राम दाल और 500 किलोग्राम घी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं हर दिन बनने वाली सब्जियों की मात्रा भी हजारों किलोग्राम में होती है। जीएसटी आने के बाद लगभग इन सभी सामग्रियों की कीमत में इजाफा हो जाएगा। जीएसटी के बाद पैक्ड आटा,घी, चीनी और दालों पर जीएसटी लगेगा। स्वर्ण मंदिर के लंगर के लिए महज इन सामग्रियों की कीमत सालाना 75 करोड़ रुपये से ज़्यादा तक पहुंच जाती है। अब जीएसटी के बाद स्वर्ण मंदिर के किचन बजट पर लगभग 10 से 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।अभिमन्यु गुप्ता ने बताया की लंगर सेवा’ (सामुदायिक रसोईघर) एक सामाजिक-धार्मिक गतिविधि है, जो पहले सिख गुरु नानक देव के समय से ही सिख धर्म के लोकाचार का हिस्सा है। लंगर को समाज में धर्म, जाति, रंग और नस्ल के भेद को मिटाकर समानता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरप्रीत सिंह बब्बर ने कहा की लंगर सेवा से करोड़ो लोगों की आस्था जुड़ी है इसलिए ‘लंगर सेवा’ के लिए की जाने वाली सभी खरीद को जीएसटी अधिनियम से छूट दी जाए।अभिमन्यु गुप्ता,हरप्रीत सिंह बब्बर,जितेंद्र सिंह संधू,बॉबी सिंह,सवी गांधी,मन्नत नैय्यर,संजय बिस्वारी,उदय द्विवेदी,उपेंद्र दुबे,शब्बीर अंसारी,हरप्रीत सिंह काके,अमन तिवारी,जसपाल सिंह पनेसर,परमजीत सिंह अरोरा,आतमजीत सिंह,विक्रमजीत सिंह,गुरमुख सिंह,अमन लाम्बा,नरेंद्र सिंह मिंटा,जसपाल सिंह,रमनदीप सिंह,अमृतपाल बिंद्रा,सरबजीत सिंह काले की उपस्तिथि उल्लेखनीय रही।