चंद्रशेखर व्यक्ति नहीं, विचार थे और विचार हमेशा जिंदा रहते हैं : उपेन्द्र तिवारी
अंजनी राय
चंद्रशेखर का पूरे विश्व ने लोहा माना। पद के लिए कभी समझौता नहीं किया। प्रधानमंत्री की कुर्सी को भी लात मारने में देर नहीं की।प्रखर समाजवादी, युवा तुर्क पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 10वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने इस यूनिवर्सिटी को स्थापित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को धन्यवाद दिया। कहा कि इसमें काफी कुछ कमियां छोड़ दी गयी थी, जिसे दूर कर पूर्वांचल में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास होगा। प्रदेश सरकार द्वारा विवि के लिए जमीन का मामला सुलझा लिया गया है।विशिष्ट अतिथि जयप्रकाश विवि छपरा के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर कर्मयोगी थे। चन्द्रशेखर ने कभी छोड़ना नहीं, जोड़ना सीखा। बीएचयू के प्रो़ विनय सिंह ने कहा कि हमें चंद्रशेखर के विचारों को आत्मसात करना चाहिए। पूर्व मंत्री राजधारी सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्रतीक थे। पूर्व विधायक रामइकबाल सिंह ने चन्द्रशेखर के पुराने दिनों की बातों को बताकर उनकी याद ताजा की। स्वागत भाषण डॉ. गणेश कुमार पाठक ने किया। इससे पहले जननायक चंद्रशेखर विवि के कुलपति प्रो. योगेन्द्र सिंह ने स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम से मंत्री उपेन्द्र तिवारी को सम्मानित किया। वाणी वन्दना गुलाब देवी महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डा़ विभा चतुर्वेदी के निर्देशन में छात्राओं ने प्रस्तुत किया। टीडी कालेज के अरविंद उपाध्याय ने विश्वविद्यालय का कुल गीत प्रस्तुत किया।