जनता को सुरक्षित रखने वाले खुद सुरक्षित नहीं है
हरिशंकर सोनी.
जबकि वर्तमान पुलिस बल की संख्या को देखते हुए आवास की संख्या कम है वर्तमान समय में 50 पुलिसकर्मियों के अलावा शव नंबर के 10 पुलिसकर्मी एवं 6 महिला पुलिसकर्मियों को यहां निवास करना पढ़ रहा है अवास कमी के कारण महिला पुलिसकर्मियों को बाहर किराए पर कमरा लेकर रहना पड़ा रहा है जो की सुरक्षा की दृष्टि से काफी जोखिम भरा है सभी आवास के प्लास्टर टूटकर कमरे में गिर रहे हैं जबकि बरसात का मौसम होने के कारण सभी कमरो मे छतो से पानी टपकता रहता है जिसमें यात्री निवास करना खतरे की घंटी का सूचक है सन 2012 में थाने में पुराने कार्यालय का बरामदा गिरने से दो फरियादियों की मौत हो चुकी है पुलिस कर्मियों से इस बात की बराबर चर्चा होती है कि नया कार्यालय तो बन गया है लेकिन नया आवास आज तक नहीं बना जब की बरसात होने पर छतों से पानी टपकता रहता है ऐसी स्थिति में हम लोगों को रात भर जागना पड़ता है जिले के नवागंतुक कप्तान अमित वर्मा ने पुलिस संसाधन बढ़ाने की बात कही क्या पुलिसकर्मियों के आवासो का जीर्णोद्धार होने के साथ संख्या में वृद्धि होगी