हाईकोर्ट की भूमि पर बनी मस्जिद की दीवाल ढहाने का आदेश
मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में अतिक्रमण कर बनी मस्जिद की दीवाल एक सप्ताह में हटा लेने का विपक्षियों को निर्देश दिया है। कोर्ट के कहने पर विपक्षियों ने स्वयं कोर्ट में कहा कि उन्हंे समय दिया जाए ताकि वे गलत बने हिस्से को गिरा सकें। याचिका की अगली सुनवाई कोर्ट आठ अगस्त को करेगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति एम.के.गुप्ता की खण्डपीठ ने अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि हाईकोर्ट को मिली जमीन पर पहले मस्जिद का कोई अस्तित्व नहीं था। जिला प्रशासन की रिपोर्ट में भी मस्जिद का जिक्र नहीं है। अवैध रूप से अतिक्रमण कर मस्जिद बनायी गयी है और उसे वक्फ बोर्ड में पंजीकृत करा लिया गया।
इस मामले की सुनवाई के दौरान बीच का रास्ता अपनाते हुए हाईकोर्ट व विपक्षियों को कहा था कि वे विशेषज्ञों की संयुक्त टीम मौका मुआयना कर रिपोर्ट दे। इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी ने भी मस्जिद को अवैध मानते हुए हटाने की रिपोर्ट दी किन्तु कोर्ट के बीच का रास्ता निकालने की पहल के चलते विशेषज्ञों की टीम ने निर्माणाधीन भवन से 11 मीटर तक निर्माण हटाने को कहा। क्योंकि दुर्घटना होने पर अग्निशमन गाड़ी आसानी से पहुंच सके। इस पर मस्जिद की तरफ से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता टी.पी.सिंह का कहना था कि निर्माणाधीन भवन 6 मंजिल तक ही नक्शा पास है अब ग्यारह मंजिला बन रहा है। उन्होंने 6 मीटर तक निर्माण हटाने पर सहमति व्यक्त की।