विधायक से पहले मैं शिक्षक हूं, शिक्षकों के साथ हमेशा खड़ा मिलूंगा- सुरेन्द्र सिंह (विधायक, बैरिया )

अंजनी राय 

बलिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से मर्माहत जिले के शिक्षामित्रों का आंदोलन निर्णायक रूप ले रहा है। शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले बीएसए कार्यालय में धरना-प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों को 54 विभागों के प्रतिनिधियों के साथ कर्मचारी, शिक्षक श्रमिक समन्वय समिति के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने समर्थन दिया। इससे इतर प्राशिसं व विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद पहले से ही शिक्षामित्रों के साथ खड़ा है।

शनिवार को धरना सभा में पहुंचे बैरिया से भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों के सामने रोजी-रोटी की समस्या है। इस मामले में प्रदेश के मुखिया को त्वरित निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि इंसान से बढ़कर संविधान नहीं होता। संविधान मानव रक्षा के लिए है। उससे लोगों की भलाई होती है। कहा कि मैं विधायक से पहले शिक्षक हूं और शिक्षकों के साथ हमेशा खड़ा मिलूंगा। भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही कुछ विधायकों के साथ मुख्यमंत्री जी से मिलकर इस प्रकरण को हर संभव न्यायोचित निस्तारण कराने का प्रयास करूंगा। शिक्षक-कर्मचारी नेता बलवंत सिंह ने कहा कि हमारा संघर्ष बेकार नहीं जायेगा। शिक्षामित्रों की नौकरी हर हाल में बचेगी, नहीं जिले के सभी विभागों में एक साथ ताले लटका दिये जायेंगे। कहा कि कर्मचारियों से टकराने वाली सरकार को किसी भी कीमत पर सत्ता में नहीं रहने दिया जायेगा। शिक्षक नेता सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षकों का जीवन संघर्ष का होता है, इससे घबराना नहीं चाहिए। प्राशिसं के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों को धमकी न दें, अन्यथा जिले के प्राथमिक विद्यालयों के ताले नहीं खुलेंगे। उन्होंने बिल्थरारोड व रसड़ा तहसील के शिक्षकों से सोमवार को सभी विद्यालयों को बंद कर शिक्षामित्रों के धरना में शामिल होने की बात कहीं। कर्मचारी नेता अजय सिंह ने कहा कि संघर्षो के बदौलत ही कर्मचारी अपनी हर लड़ाई जीतने के काम किये है। शिक्षामित्रों की नौकरी हर हाल में बहाल होगी।
चौथे दिन भी नहीं खुला बीएसए कार्यालय
बलिया। शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन काफी अलर्ट है। धरना-प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की माकूल व्यवस्था की गयी है। वहीं, आंदोलन के चलते जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय चौथे दिन लगातार बंद रहा। वहीं, बांसडीह व सिकन्दरपुर के शिक्षक स्कूल बंद कर भारी संख्या में धरना सभा में शामिल हुए।
कर्मचारी संगठनों की एकजुटता से प्रशासन के माथे पर बल
बलिया। शिक्षामित्रों के आंदोलन को धार देने के लिए शिक्षक संगठनों के अलावा कर्मचारी संगठनों ने एकजुटता का परिचय दिया है। कर्मचारी नेता बलवंत सिंह ने जहां शिक्षामित्रों की मांगें तत्काल न मांगे जाने पर जनपद के समस्त विभागों में ताला लटकाने की बात कहीं, वहीं प्राशिसं के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने 31 जुलाई को रसड़ा व बिल्थरारोड तहसील के स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया। कर्मचारी संगठनों की एकजुटता से प्रशासन के माथे पर बल पड़ता दिख रहा है।
शिक्षामित्रो ने विधायक को सौंपा मांग पत्र
बलिया। शिक्षामित्रों ने अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए उत्तर प्रदेश एवं केन्द्र सरकार से संविधान में संशोधन करने की पुरजोर मांग की। कहा कि 17 वर्षो के त्याग-तपस्या को महज टीईटी का बहाना बनाकर शिक्षामित्रों को घर बैठाना कहीं से उचित नहीं है। शिक्षामित्रों की ओर से शिक्षक व कर्मचारी संगठन के नेताओं ने इस आशय का मांग पत्र भी भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह को सौंपा।

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