जाने क्या कहा आजम खान ने नितीश कुमार को
सुरेश दिवाकर.
दोबारा क्या किया भ्रष्टाचार के खिलाफ उसके आग में फिर कुदरत से ना मिला और अब जनता ने त्याग दिया इनके लिए और एक महा गठबंधन के नाम पर बीजेपी के खिलाफ जनता के त्याग से यह मुख्यमंत्री बने और जनता को कोही त्याग दिया इसलिए मैंने कहा कि नीतीश त्यागी अगर हो जाए तो अच्छा है क्योंकि अब तक त्याग ही त्याग करेंगे जीवन में और कुर्बानी ही कुर्बानी देते चले आ रहे हैं पूरे विपक्ष की कुर्बानी दे डाली कुर्सी के लिए बिना त्याग किया तो उस त्याग और बलिदान का नतीजा ही की कुर्सी ने उनका पीछा ही नहीं छोड़ा ऐसी चिपकी कुर्सी इसके लिए बहुत-बहुत मुबारकबाद मिलना चाहिए उन्हें तो तमाम सेकुलर पार्टियों की तरफ से मुबारकबाद मिलना चाहिए उन्होंने हास्यप्रद स्वर में यह भी कहा कि जब नीतीश कुमार ने लालू यादव के साथ गठबंधन किया था उस समय भी लालू जी आरोपों से घिरे हुए थे तब नीतीश जी ने आरोपियों से क्यों गठबंधन किया था इस सवाल के जवाब में आजम खान ने कहा वह भी एक त्याग था शायद नीतीश जी को क्या करने की आदत सी पड़ गई है उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार में शिक्षामित्रों पर इस तरीके से जुल्म नहीं हुए थे मौजूदा सरकार को उनसे बात करनी चाहिए और कोई हल निकालना चाहिए