कोटेदार की शिकायत पड़ी जिलाधिकारी
महाराजगंज:
सरकार बार बार अधिकारियों को जनता के साथ समन्वय बनाने के आदेश देरही है और उनकी समस्यायो को गम्भीरता से लेने की पाठ पढा रही है. पर कुछ अधिकारी ऐसे भी है जो खुद को जनता व सरकार से भी बड़ा समझते है. ऐसे ही महाराजगंज के जिलाधिकारी CM आफिस द्वारा निरिक्षण मे भी फेल रहे साहब फरियादियो पर फ्रसट्रेशन निकालना अपनी शान समझते है शायद. एक फरियादी को इन जिलाधिकारी महोदय से कोटेदार के खिलाफ शिकायत करना महंगा पड़ गया।
फरियादी का आरोप है कि जिलाधिकारी ने उसको ही सजा दिलाने की धमकी देते हुए अपने गनर से धक्का मरवा कर वहां से फौरन भाग जाने को कहा। पीड़ित के अनुसार वह बेइज्जत हो बाहर निकला , और अपनी बेबसी पर फफक कर रो पड़ा तो उसके साथ वहां मौजूद लोगों को इस घटना की जानकारी मिली और वे जिलाधिकारी के खिलाफ आक्रोशित हो गये। फरियादियों का कहना है कि डीएम ने उनके साथ मुलज़िम जैसा बर्ताव किया है।
क्या है पूरा मामला
फरेन्दा थाने के महदेवा दूबे निवासी अंकित त्रिपाठी मंगलवार को जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह से अपने गांव के कोटेदार जवाहिर अग्रहरी के खिलाफ शिकायत करने गए थे। अंकित का कहना है कि कोटेदार गांव में अनियमितता और भ्रष्टाचार करता है जिसकी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है। यही नहीं कोटेदार की शिकायत करने के लिए अंकित के साथ दर्जनों गांव वाले भी गये थे। अंकित का कहना है की एलआईयू इन्स्पेक्टर अंकित को अकेले डीएम से मिलने ले गए। अंकित का कहना है कि डीएम ने जैसे ही हम लोगों को देखा तो भड़क उठे और बोले की कोटेदार को हम सस्पेंड नहीं करेंगे। अंकित के मुताबिक डीएम उल्टे हम लोगों को ही सजा दिलाने की बात करने लगे और हमें फौरन वहां से भाग जाने को कहा। अंकित का कहना है कि जिलाधिकारी के इस बर्ताव से हमें ऐसा लगा कि हम कोई जुर्म करके आये हैं।
अंकित के मुताबिक फरियादी जैसे ही बाहर आये वैसे ही मौके पर सीओ सदर मुकेश प्रताप सिंह, कोतवाल सदर अनुज सिंह भारी फ़ोर्स के साथ वहां पहुंचे और हम लोगों को कोतवाली थाने पर ले गये। उन्होंने मेरे ऊपर जबरन दबाव बनाकर लिखवाया कि हमारे साथ डीएम साहब ने कुछ नहीं कहा। जब हमने मजबूरन लिखकर दे दिया तब जाकर पुलिस वालों ने हमें थाने से जाने दिया।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरियादियों को लेकर इतने गम्भीर है वहीं जब अधिकारी ही, लोगों के खिलाफ इस तरह का बर्ताव करने लगेंगे तो फिर पीडितों को न्याय कैसे मिलेगा? इस घटना के बारे में हमने महराजगंज के जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह का पक्ष जानने के लिये फोन किया लेकिन उनका फोन नही उठा।