रामपुर – एक हफ्ते से गायब है संदिग्ध परिस्थिति में युवती, मामले को अनसुना कर रही पुलिस
रवि शंकर दुबे.
रामपुर. उत्तर प्रदेश में बढ़ते क्राइम को रोकने के लिए यूँ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उनके सहायक मंत्रियों ने पुलिस प्रशासन को अपराधियों के प्रति सख्त से सख्त रवैया अपनाने को स्वतंत्र कर दिया है लेकिन फिर भी अपरधियों के खिलाफ पुलिस इस मुहीम में कहीं न कहीं पिछड़ती हुयी दिखाई दे रही है जिसके चलते अपराधियों के हौसले हर दिन के साथ और बढ़ते जा रहे हैं,जिससे आये दिन अपहरण बलात्कार हत्या लूट की बारदातों में बढ़त होती जा रही है।
जहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा की बात करते हैं वहीँ महिलाओं के साथ आये दिन ऐसी वारदातों ने प्रदेश सरकार के झूटें वादों की पोल खोल के रख दी है। जहा तक बात करें पुलिस की तो पुलिस प्रशासन भी इन मामलों में सुस्ती बरते हुए है। सिस्टम की इसी आरामतलबी के चलते एक माँ पिछले एक हफ्ते अपनी बेटी की गुमशुदगी के चलते पुलिस से गुहार लगाए बैठी है लेकिन इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गयी है
क्या है पूरा मामला
मामला रामपुर की बिलासपुर तहसील का है जहाँ भाजपा के राजयमंत्री बलदेव ओळख का निजनिवास भी है यूं तो मंत्री जी ज्यादा समय अपने इस क्षेत्र में ही बिताते हैं लेकिन क्षेत्र में होने वाली ऐसी घटनाओ पर शायद उनका ध्यान नहीं जाता है और शायद इसलिए पुलिस भी इन मामलों को ठन्डे बास्ते में डाल हाथ पर हाथ धरे बैठे है।
बिलासपुर के बाजार कला निवासी गोविन्द राम के मुताबिक उनकी बेटी खुशबू (उम्र 14 वर्ष) जो दसवीं की छात्रा है हफ्ते भर पहले दिनांक 3 अगस्त 2017 की शाम करीब ४ बजे अपनी ट्यूशन के लिए गयी लेकिन रोज़ना की तरह ६ बजे वापस न लौटने पर परिजनों को चिंता हुयी जिसके बाद उन्होंने खुशबू की पड़ताल शुरू की करीब ७ बजे जब उनका बेटा राहुल घर पहुंचा तो उसने बताया की ४:३० बजे उसने खुशबु को संदीप कौर और मनदीप कौर के साथ चौराहे पर देखा था जिसके बाद उसने फ़ोन के माध्यम से संपर्क करने पर संदीप,मनदीप कौर के द्वारा खुशबु की कोई भी जानकारी होने से मना कर दिया गया और दोबारा कॉल करने पर उन्होंने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए जिससे परिवार में दहशत का माहौल बन गया। अब खुशबु के पिता ने संदीप और मनदीप कौर के साथ ही अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदद्मा दर्ज करा दिया है। जिसके बाद अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है अब देखने वाली बात ये होगी की पुलिस इस मामले में अपनी भूमिका को ध्रूमिल होने से कैसे बचाती है.