मेडिकल कालेज के मसले पर न हो राजनीति : अखिलेश
(जावेद अंसारी)
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर बना हादसे का शिकार। गोरखपुर के गलियों और सड़को पर मेडिकल कालेज में हुई दर्दनाक मौत की चर्चा से गोरखपुर मे दहशतगर्दी का माहोल बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुरू से ही योगी सरकार पर घटना से जुड़े तथ्यों को छुपाने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सपा नेताओं के एक दल को घटना का जायजा लेने के लिए पहले ही भेज दिया था गोरखपुर हादसे के बाद 14 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गोरखपुर पहुँचे।
अखिलेश यादव ने साफ कहा कि मेडिकल कालेज के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सैकड़ों गाड़ियों और हजारों कार्यकताओं के लाव लश्कर के साथ पीड़ित के घर पहुंचे अखिलेश यादव भीड़ के कारण दो शब्द भी उनसे बात नहीं कर पाये। भीड़ का आलम ये था की पूर्व मुख्यमंत्री घर मे घुसे और बाहर निकल कर लौट गये।
गोरखुपर में बच्चों की मौत के बाद अखिलेश लगातार सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर मामले की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए पीड़ितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। अखिलेश यादव आज खोराबार थाना क्षेत्र के बेलवार गांव में मेडिकल कालेज त्रासदी के शिकार किशुन गुप्ता के घर आये हुए थे। किशुन गुप्ता की बेटी की भी 10 अगस्त की रात मेडिकल कालेज में मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अगर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी है, तो उन्हें कमियों की जानकारी होगी। डॉक्टर कफील खान के मसले पर अखिलेश यादव ने कहा कि प्राइवेट प्रेक्टिस पर रोक है तो सभी को मानना चाहिए। अगर इसमें एकतरफा कार्रवाई है तो वह गलत है। उन्होंने कहा कि हमको खबर ये भी आ रही है कि मैंने जो स्वास्थ सेवाये मजबूत की थी उसके पुरे ढांचे को बर्बाद करने का काम भाजपा ने किया है। समाजवादी सरकार ने जो 102 एवं 108 एमबुलेंन्स सेवाये उपलब्ध कराई थी उनसे समाजवादी शब्द हटाकर भाजपा सरकार अपनी उपलब्धी समझने लगी है। जनहित के तमाम काम बंद कर दिये है।