बलिया पहुंचा नेपाल का पानी, तटवर्ती लोगों मे दहशत

अंजनी राय

बलिया। नेपाल एवं तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण घाघरा नदी में बहाव तेज हो गया है। वहीं नेपाल के एल्गिन डैम से गत रविवार की शाम करीब चार लाख क्यूसेक पानी घाघरा में छोड़े जाने से जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। बुधवार को घाघरा का जलस्तर लाल निशान से 52 सेमी ऊपर पहुंच गया, जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त है। घाघरा लगातार किसानों की उपजाऊ भूमि को निकलती हुए गांवों की तरफ बढ़ रही है।

उफनाई घाघरा के बेलगाम लहरों ने तबाही मचाना शुरु कर दिया है ।नेपाल द्वारा पानी छोड़ दिए जाने के फलस्वरुप नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार जलस्तर 64.470 मीटर दर्ज किया गया, जबकि लाल निशान 64.010 है। लाल निशान से 46 सेंटीमीटर ऊपर बहने वाली नदी के जलस्तर में उतार -चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। आयोग का कहना है कि सुबह 64.450 मीटर पर नदी की प्रकृति में स्थिरता आई । दोपहर तक स्थिर रहने के बाद फिर बढ़ोतरी शुरू हो गई ,जो शाम तक जारी रहा। आयोग की माने तो एक-एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जल स्तर में वृद्धि जारी रहने का पूर्वानुमान किया है। ऐसे में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। हाहानाला से चैनपुर,गुलौरा, मठियां के तटवर्ती क्षेत्रों में पानी फैल गया है। चैनपुर के कब्रिस्तान में पानी घुस गया है। तुर्तीपार के मल्लाह बस्ती, दलित बस्ती ,माली बस्ती में पानी फैल गया है। इन बस्तियों में किसी भी घर में शौचालय नहीं होने के चलते लोगों में खासकर महिलाओं को बाढ़ के पानी से हो कर बंधे की ओर शौच के लिए जाना पड़ रहा है। हाहानाला, तुर्तीपार और हल्दी रामपुर रेगुलेटर पर पानी का दबाव बढ़ गया है। बाढ़ का पानी गांव की ओर कुच करने लगा है। तटवर्ती सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है ।नदी में वृद्धि का क्रम जारी रहा तो तटवर्ती दर्जनों ग्रामों के हजारों लोगों को बाढ़ की विभीषिका से जूझने को विवश होना पड़ेगा।

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