नेत्रा जायसवाल ने करवाया बेसहारा बुजुर्गो का इलाज और चेकअप
वाराणसी. वैसे वृद्धा आश्रम एक सभ्य समाज पर कलंक के तरह है. जहा दुनिया चाँद पर जाकर बस्ती बसाना चाहती है वही हमारे समाज में कुछ ऐसे भी है जिनके अपनों ने ही उनको देखना और पुछना बंद कर दिया है. ऐसे लोगो को आप सडको से लेकर वृद्धा आश्रमों में देख सकते है. वैसे तो वृद्धा आश्रम इस सभ्य समाज पर एक बदनुमा दाग सरीखा है मगर फिर भी समाज में ऐसे भवन है और वह आबाद भी है. हम रोज़मर्रा की अपनी भागमभाग वाली ज़िन्दगी में कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं देते है कि इन जगहों पर रहने वालो की भी आवश्यकताये होती है और उसकी पूर्ति हेतु उनके पास संसाधनों की कमी होती है. उनको सबसे अधिक आवश्यकता होती है चिकित्सा की क्योकि बुढ़ापे के शरीर में मर्ज़ भी अपने घर कर लेता है और उनको इसके लिये चिकित्सीय सहायता की भी आवश्यकता होती है.
इन्हे आवश्यकताओ को शायद ध्यान में रख कर जायसवाल क्लब की महिला विग अध्यक्षा श्रीमती नेत्रा जायसवाल ने अपनी महिला साथियों और पुरुष विग के पदाधिकारियों के साथ एक चिकित्सा शिविर का आज दुर्गाकुंड स्थित वृद्धा आश्रम में आयोजन किया. इसमें चिकित्सको की एक टीम में जिसमे डॉ मनोज जायसवाल, डॉ दीपेश, डॉ एस.के. जायसवाल के साथ प्रशिक्षित नर्स आशा सिंह ने वृद्धा आश्रम के बुजुर्गो का चिकित्सीय प्रशिक्षण किया. उनको आवश्यकता के अनुसार चिकित्सा मुहैया करवाई और जिनकी आँखे उम्र के साथ कमज़ोर हो रही थी उनको नये चश्मे उपलब्ध करवाये. नेत्रा जायसवाल और उनकी महिला साथियों क्रमशः स्वीटी जायसवाल, पूनम भगत, रीता जायसवाल, प्रीती जायसवाल आदि की इस कोशिश पर सभी बुज़र्गो ने उनको अपना स्नेहाशीष दिया तो इन युवा महिला समाज सेवियों की आंखे खुशियों से नाम हो गई है.
इस अवसर पर नेत्रा जायसवाल ने हमसे बात करते हुवे कहाकि हमारे लिये सबसे ख़ुशी की बात यह है कि हमारे समाज के बुजुर्गो ने हमारे सर पर अपना हाथ रख कर हमको दुआ दिया है. हमको इससे अनमोल तोहफा और कही नहीं मिल सकता. समाज के लिये हमारी जिम्मेदारियों की पूर्ति केवल इससे और इतने से ही नहीं होगी. भविष्य में हम ऐसे काम और भी अपनी क्षमताओ के अनुसार करते रहेंगे. इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष मनोज कुमार जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, गोपाल जायसवाल, अनिल जायसवाल, मनोज जायसवाल (राजघाट) आदि क्लब के पदाधिकारी उपस्थित थे.