ऐ औनो मोहम्मद तेरी माँ कैसे जियेगी ग़म तेरी जुदाई का कभी सह न सकेगी
घोसी (मऊ) । स्थानीय नगर के बड़ागांव स्थित अलमदार हुसैन के मकान से शबीहे ताबूत औनो मोहम्मद अ. स. वो अलम मुबारक निकाला गया जिस में अंजुमन मसुमिया ने नौहा ख्वानी की ऐ औनो मोहम्मद तेरी माँ कैसे जियेगी ग़म तेरी जुदाई का कभी सह न सकेगी नौहा पढ़ा जिसे सुन कर उपास्थि अजादारों की आँखें नम हो गयी जलूस अपने परंपरागत रास्तों से होता हुआ देर रात सदर इमाम बारगाह पे दफन हुआ।
जलूस की शुरुआत मौलाना गऱीबुल हसन घोसवी की तक़रीर से हुई उन्हों ने कहा कि ये जलूस औन और मोहम्मद की याद में निकाला जाता है जो कि हज़रत मोहम्मद साहब की नवासी सहजादी ज़ैनब के सुपुत्र थे। कर्बला के मैदान में जब एक एक कर के सब असहाबो अंसार शहीद हो रहे थे तब बीबी ज़ैनब अपने बच्चों को बुलाती है और कहती हैं कि ऐ औनो मोहम्मद क्या तुम दोनों मुझे गौरवान्वित नहीं करोगे।जाओ मामू इमाम हुसैन से जंग की इजाज़त लो और अपनी जान नाना के दीन पे क़ुर्बान कर दो।औनो मोहम्मद कहते है कि हम ने मामू से कई बार जंग में जाने की आज्ञा मांगी मगर मामू ने हमें गले से लगा कर कहा कि ऐ औनो मोहम्मद तुम अभी छोटे हो मैं तुम्हे किस तरह जंग में जाने दू।उस समय औनो मोहम्मद की उम्र 11 और 12 वर्ष थी।लेकिन बीबी ज़ैनब औनो मोहम्मद को लेके इमाम हुसैन के पास आई और कहा ऐ भईया हुसैन आप मेरे बच्चों को जंग की इजाज़त दे दीजिए ।उस के बाद इमाम ने बच्चों को जंग की इजाज़त दी औनो मोहम्मद जब मैदान में आते है तो ऐसी जंग करते हैं कि यज़ीदी फ़ौज में भगदड़ मच जाती है और फ़ौज भागने लगती है।और दोनों भाइयों ने नहरे फोरात पे क़ब्ज़ा कर लिया। जब फ़ौज की बिगड़ती हालत उमरे साद ने देखी तो फ़ौज से कहता है कि ये हाशमी शेर हैं इन दोनों को अलग करो और इन पर एकसाथ मिलकर हमला करो जब फ़ौज ने इन दोनों को अलग कर दिया और एक साथ हमला किया तो दोनों भाई बुरी तरह ज़ख़्मी होकर घोड़े से ज़मीन पर गिर जाते है और मदद के लिए इमाम को आवाज़ देते है जब इमाम उनके पास पहुचते हैं तो बच्चे कहते कि मामू हम ने अम्मा से जो वादा किया था वो पूरा किया। ये कहते ही बच्चे शहीद हो जाते हैं। जलूस में इश्तेयाक हुसैन, शहादत अली, तक़ी फ़ैयाज़ी, ज़फर मेहदी, नजमुल हसन,अली रज़ा, मुस्तजाब, गुलफाम, तनवीर, बाकर रज़ा, फ़ैयाज़ शब्बर, जौन मोहम्मद, मज़हर हुसैन, मोबारक हुसैन, गौहर अली, गुलाम अब्बास, सलमान अख्तर, मोहम्मद अब्बास आदि उपस्थित रहे।