कहती थी ये दुखिया मै सो नही पाई,जब से छूटे बाबा मैं सो नही पाई

मुहर्रम पर हुई नौहेख्वानी की एक झलक

अज़हान आलम

घोसी (मऊ)।नगर के बड़ागांव छोटा फाटक स्थित जाफरी अज़ा खाने से चौथी मुहर्रम को मगरिब की नमाज़ के बाद अलम मोबारक का जलूस निकाला गया जिस में अंजुमन मसुमिया क़दीम रजिस्टर्ड ने नौहा ख्वानी की जलूस बड़ागांव पूर्वी स्थित शिव मन्दिर स्थित पोखरे से मिटटी लेकर अपने क़दीमी रास्तो से होता हुआ सदर बाजार राम जानकी मंदिर स्थित इमाम चौक पे रात्रि 11:30 बजे समाप्त हुआ।
ये जलूस उस वाक़ए कर्बला की याद में निकाला जाता है कि जब 4 मुहर्रम सन 61 हिजरी को इमाम हुसैन और उन के परिवार के खैमो को नहरे फोरात के किनारे से हटा दिया जाता है। जब इमाम हुसैन के खैमे में पानी खत्म हो जाता है तो इमाम हुसैन ने अब्बास अलमदार से बच्चो के लिए पानी का इंतज़ाम करने को कहते हैं। इमाम का हुक्म मिलने के बाद जनाबे अब्बास ने मैदान कर्बला में एक कुआं खोदा जिसमे पानी नही मिला इस तरह अब्बास अलमदार ने कर्बला में सात कुएँ खोदते है जिस में पानी के बाजए सिर्फ मिट्टी हाथ लगती है।उसी वाकये की याद में जाफरी अज़ाखाने से अलम निकालकर शिव मंदिर स्थित पोखरे से मिट्टी निकाल कर जलूस अपने रिवायती अंदाज़ में सदर बाजार राम जानकी मंदिर स्थित इमाम चौक पे लाकर पोखरे से निकली हुई मिट्टी रखते है।जुलूस इमाम चौक के पास समाप्त हो जाता है। दौरान जलूस मोज़ाहिर हुसैन, अलमदार हुसैन , शमशाद हुसैन ने नौहा ख्वानी की

मुस्लिम के महे अनवर कूफ़े में भटकते हैं,

किस तरह से जाएं घर कूफ़े में भटकते हैं

कहती थी ये दुखिया मै सो नही पाई,

जब से छूटे बाबा मैं सो नही पाई

और उपस्थित अक़ीदत मंदो ने मातम किया। इस अवसर पर इश्तेयाक हुसैन, नेसार अली, बब्बन मियां, नज़र हैदर, असगर इमाम, खुशतर, इमरान हैदर, वक़ार अली, जावेद, सलमान, नसीम, शमीमुल हसन, अली असगर, जौन मोहम्मद, मो शादाब, रिज़वान अस्करी, फ़ैज़ शब्बीर,मोहम्मद जोहैर सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे ।

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