मऊ – बीएसए साहेब आपके लिपिक पर महिला घूसखोरी का आरोप लगा रही है, जाँच तो बनती है न साहेब

मऊ के बीएसए लिपिक पर रिश्वत का आरोप

सुहैल अख्तर.

मऊ/बीएसए के लिपिक द्वारा मांगा जा रहा है रिश्वत । मूल प्रमाण पत्रों की वापसी के लिए बीएसए के बाबू द्वारा रिश्वत मांगने का आरोप लगाया जा रहा हैं। बताया जा रहा हैं की समायोजित शिक्षा मित्रों का नियुक्ति कि तिथि से ही मूल प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा करा लिया गया था। अब जब टीईटी का एग्जाम देने के लिए उसकी आवश्यकता है तो यह उसे वापस देने के बदले BSA का बाबू सुग्रीव प्रसाद द्वारा रिश्वत मांगा जा रहा है।
प्राप्त समाचार के अनुसार प्राथमिक विद्यालय चिरैयाकोट सेकंड की समायोजित सहायक अध्यापिका श्रीमती अंजू वर्मा का मूल प्रमाण पत्र समायोजन के समय ही बीएसए कार्यालय में जमा है । कोर्ट द्वारा समायोजन निरस्त होने के बाद सभी समायोजित शिक्षा मित्र टीईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जिसका 15 अक्टूबर को ही एग्जाम है। श्रीमती वर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया है कि प्रार्थिनी को 2 दिन बाद TET का एग्जाम देना है जिसमें मूल प्रमाण पत्रों की जरूरत है आप के कार्यालय का बाबू जिसका नाम सुग्रीव प्रसाद है मुझे लगातार 3 दिन से दौड़ा रहा है और मेरा मूल प्रमाण पत्र वापस देने के बदले ₹5000 की रिश्वत मांग रहा है । उक्त के संबंध में कार्यवाही करते हुए प्रार्थिनी का जमा प्रमाण पत्र वापस करने की कृपा करें बापू द्वारा मेरा मानसिक व आर्थिक शोषण किया जा रहा है। उसके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने की भी कृपा करें।
विशिष्ट btc शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि श्रीमती अंजू वर्मा का प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है जिसके लिए मैं बीएसए से मिलने का प्रयास किया लेकिन बीएसए से मुलाकात नहीं हुई और बीएसए राकेश कुमार शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का फोन भी रिसीव नहीं कर रहे हैं । बीएसए की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा बीएसए कार्यालय रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का बड़ा अड्डा बन गया है श्री सिंह ने बताया की श्रीमती वर्मा के प्रकरण से जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को उनके पर्सनल ह्वास्टअप नंबरों पर भेजकर उन्हें अवगत करा दिया गया है। ससमय अगर श्रीमती वर्मा के प्रकरण का समाधान नहीं होता है तो संगठन कठोर कदम उठाने को बाध्य होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों की भी होगी।

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