दरोगा के घर डकैती, विरोध करने पर डकैतों ने मां-बेटे को पीटकर किया घायल
अंजनी राय.
बलिया। पुलिस की चौकसी पर चाबुक लगाते हुए रविवार की रात हथियारबंद डकैतों ने बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के रोहुआ गांव में एक परिवार को बंधक बनाकर डकैती किया। विरोध करने पर डकैतों ने मां-बेटे की जमकर पिटायी कर दी, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। सोमवार की सुबह पहुचीं फोरेंसिक टीम के साथ ही डाग स्क्वायड दस्ते ने जांच-पड़ताल की, लेकिन सफलता दूर-दूर नजर नहीं आयी। फिर अन्य घटनाओं की तरह पुलिस ने ‘जल्द खुलासा होगा, बदमाशों को बेनकाब किया जायेगा, पुलिस अपना काम कर रही है…। इत्यादि रटा-रटाया आश्वासन पीड़ित परिवार को देकर लौट गयी। वही एसपी अनिल कुमार ने जिला अस्पताल में पहुंचकर घायलों का हाल जाना।
बताया जाता है कि बांसडीहरोड थाना क्षेत्र अंतर्गत रोहुआ निवासी राणा प्रताप सिंह वाराणसी के पांडेपुर थाने पर बतौर दारोगा तैनात है। रोहुआ स्थित मकान में मकान में उनका व उनके भाई रणविजय सिंह का परिवार रहता है। रविवार की रात परिवार के लोग अपने घरों में सोए हुए थे, तभी मकान के पीछे के रास्ते आधा दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाश घर में प्रवेश किये। बदमाशों ने मकान के कमरों में सो रहे लोगों को बाहर से बंद करने के साथ ही एक कमरे में घुसकर सामान समेटने लगे। उस कमरे में अपने दो बच्चों के साथ सो रही रणविजय सिंह की पत्नी अनीता की नींद खुल गयी और वह शोर मचाने लगी। इससे नाराज डकैतों ने अनीता के सिर पर प्रहार कर दिया। डकैतों के हमले से अनीता अचेत होकर घर में गिर पड़ी। मां की हालत देखकर सात वर्षीय बेटा श्लोक चीखने लगा, लेकिन क्रूर डकैतों ने मासूम श्लोक को भी नहीं छोड़ा। मां-बेटा को अचेत कर बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दे मुख्य दरवाजा खोल निकल गये। इस बीच, दूसरे कमरे में सो रहे रणविजय भी जग गये, लेकिन दरवाजा बाहर से बंद होने की वजह से वह निकल नहीं पा रहे थे। कमरे में बंद रणविजय ने आख़िरकार धक्का मारकर दरवाजा तोड़कर बाहर निकले और पत्नी के कमरे में पहुंचे। खून से लथपथ पत्नी व बच्चे की हालत देख रणविजय को काठ मार गया। खुद को सम्हालते हुए रणविजय ने अन्य कमरों को खोला, जिसमें दारोगा की पुत्रियां बंद थी। पुलिस को सुचना देने के साथ ही रणविजय ने गम्भीरावस्था में पत्नी व पुुत्र को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है।