श्रद्धांजली : नहीं रही ठुमरी की विश्वप्रसिद्ध गायिका गिरिजा देवी (अप्पा जी). संगीत जगत में शोक की लहर
भारत की प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का कोलकाता में निधन हो गया। वह 88 वर्ष की थी। गिरिजा देवी (जन्म 8 मई 1929, बनारस) सेनिया और बनारस घरानों की एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायिका थीं। ठुमरी गायन को लोकप्रिय बनाने में गिरजा देवी का बहुत बड़ा योगदान है। गिरिजा देवी को सन 2016 में पद्म विभूषण एवं 1981 में कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
पद्मविभूषण गिरिजा देवी का निधन कोलकाता के बिड़ला अस्पताल में रात करीब साढ़े नौ बजे हो गया। सुबह इनकी नतनी अनन्या दत्ता ने तबीयत नासाज होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। बकौल अनन्या, सुबह नानी ने खूब बात की थी। फिर थोड़ी तबियत खराब होने की बात कही तो हम सब उन्हें चेकअप के लिए अस्पताल ले आये। यहां भी चिकित्सकों ने जांच के बाद भर्ती कर लिया। देर शाम थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन फिर रात में करीब आठ बजे स्थिति नाजुक हो गयी। नानी रात करीब साढ़े नौ बजे हम सब का साथ छोड़कर चली गयी।
बनारसी घराने की सशक्त आवाज और संगीत की जीवंत मिशाल मानी जाने वाली गिरिजा देवी काशी को संगीत का मुख्य केन्द्र बनाने की इच्छा रखती थीं। हाल ही में काशी आयी थीं तो बातचीत में आपा जी ने कहा था कि खोई भारतीय संस्कृति और संगीत की साख को काशी में ही पुन: प्रज्ज्वलित करने की इच्छा है। यही नगरी है जहां भोलेबाबा डमरू से नाद ध्वनि करते हैं। समय के साथ कहीं संगीत खो रहा है, इसे पुन: संवारने ही हमारी अंतिम इच्छा है।
उनमें सरस्वती बसती थी : मालिनी अवस्थी
प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने उनके निधन पर कहा है कि मेरी उनसे दीवाली को बात हुई थी। उनका अगले 2 माह का कार्यक्रम था। 27 को पूना में उनका कार्यक्रम था। बनारस उनके तन मन, वाणी और कर्म में बसता था। वो हमेशा कहती थी कि बनारस की इस कला को जिंदा रखो। नई पीढ़ी के लिए वह एक जीती जागती मिसाल थी। कला की वह शानदार साधक थी। उनका संगीत अद्भुत था वह किसी ईश्वरीय जादू की तरह था। 90 साल की उम्र में भी वह उत्साही थी।