सम्मान – आईपीएस विकास वैभव के नाम से किया आम जनता ने चौराहे का नाम

IPS विकास वैभव के नाम पर है चौराहा, छठ पर यहां दिखी खूब रौनक

सही कहा गया है कि इंसान के कर्मों से ही उसकी पहचान बनती है. ये पहचान ही समाज में आपका मुकाम भी तय करती है. कभी बगहा शहर को अपराधियों का शहर कहा जाता था. लेकिन बगहा को इस कलंक से मुक्ति तत्कालीन एसपी IPS विकास वैभव ने दिलवाई थी. उन्होंने न सिर्फ क्राइम कंट्रोल किया था बल्कि पब्लिक का भरोसा भी पुलिस में कायम किया था. बगहा शहर ने भी अपने चहेते एसपी के नाम पर कुछ महीने पहले विकास वैभव चौराहा बनवाया था. शुक्रवार को उसी विकास वैभव चौराहे पर बगहा शहर के लोगों ने छठ मनाई और सूर्य को अर्घ्य दिया.
पश्चिम चंपारण में है चौराहा
आपको बता दें कि विकास वैभव चौराहा तो पश्चिम चम्पारण के बगहा में है लेकिन ये आईपीएस अधिकारी अभी भागलपुर रेंज के डीआईजी के पद पर तैनात हैं. 2003 बैच के आईपीएस अफसर विकास वैभव 2007 में बगहा के एसपी हुआ करते थे. उस वक्त उन्होंने इलाके के लिए काफी कुछ किया था. 10 साल बीत चुके हैं लेकिन बगहा अभी भी अपने पुलिस कप्तान को भूला नहीं है. बीते 1 सितंबर को बगहा के समरकोला गांव के बीच स्थित चौराहे का नामकरण विकास वैभव चौराहे के तौर पर कर दिया गया था.
सजती थी अपराधियों की महफिल
ग्रामीण जवाहर यादव याद करते हैं कि 2007 में बगहा को चंपारण का चंबल भी कहा जाता था. यह चौराहा तक सूनसान था और अपराधी यहीं अपना अड्डा जमाते थे. लोग दिन में भी उधर गुजरने से डरते थे. गांव के ही गजेन्द्र यादव ने तत्कालीन एसपी विकास वैभव से मुलाकात के बाद सारी समस्या बताई. उनके भरोसे के बाद गजेन्द्र ने चौराहे और आसपास के इलाके में पौधे लगाना शुरू कर दिया.
इसके बाद एसपी विकास वैभव ने चौराहे को अपराधियों से मुक्त करवा दिया. उन्होंने गजेन्द्र यादव को और पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया. अब तक यहां 7 लाख पेड़ लग चुके हैं. आज यह इलाका गुलजार है. दुकानें सज गई हैं. पेड़ पौधे बड़े हो गए और इसने एक सुन्दर बाजार का रूप ले लिया है. IPS विकास वैभव की वजह से अब दिन में ही नहीं, देर रात तक दुकानें खुली रहती हैं. इसके करीब 10 साल बाद ग्रामीणों ने मिलकर यह फैसला लिया कि इस चौराहे का नाम विकास वैभव चौराहा रख दिया जाए ताकि अधिकारी भी इससे प्रेरणा ले सकें.
आम जनता का IPS
उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि उनका ट्रांस्फर होने पर बगहा के लोगों ने आंदोलन किया था. IPS विकास वैभव आईआईटी कानपुर से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उन्होंने नेशनल इन्वेस्ट‍िगेशन एजेंसी यानि एनआईए में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वो अभी भागलपुर रेंज के डीआईजी हैं. पर्यावरण और ऐतिहासिक धरोहरों से इनका विशेष प्रेम रहा है. साथ में फोटोग्राफी का भी इन्हें शौक है.

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