अपनी मुश्किलों के लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराना सऊदी अरब की आदत है – बहराम क़ासेमी

समीर मिश्रा.

ईरान, रूस और आज़रबाइजान गणराज्य के बीच त्रिपक्षीय बैठक का लक्ष्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों, आतंकवाद से संघर्ष और द्विपक्षीय सहयोग में विस्तार बताया है। बहराम क़ासेमी ने सोमवार को देशी-विदेशी पत्रकारों के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस त्रिपक्षीय बैठक के बारे में जो बुधवार को तेहरान में आयोजित होने वाली है, कहा कि इस बैठक ने तीनों देशों को यह अवसर दिया है कि वे उन सभी मामलों पर विचार विमर्श करें जिनका उन्हें सामना है।

उन्होंने इसी प्रकार क़ज़्ज़ाक़िस्तान की राजधानी आस्ताना में सोमवार को शुरु हुयी ‘सातवीं आस्ताना बैठक’ के बारे में उम्मीद जतायी कि ईरान, रूस और तुर्की के बीच ज़रूरी सहमति बनेगी ताकि सीरिया में स्थिरता आए, इस देश की जनता की मदद हो और क्षेत्र की सुरक्षा की दिशा में प्रभावी क़दम उठे। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी प्रकार कहा कि बारूदी सुरंग का पता लगाना, उसे ख़त्म करना और क़ैदियों का आदान-प्रदान सातवीं आस्ताना बैठक के मुख्य विषय हैं।

बहराम क़ासेमी ने इसी प्रकार सऊदी विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर के इस बयान पर कि अगर ईरान ने हौसियों की मदद न की होती तो यमन जंग ख़त्म हो चुकी होती, कहा कि लगता है सऊदी अधिकारियों की यह आदत हो गयी है जो ख़त्म होने वाली नहीं लगती कि वे अपनी मुश्किलों के लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने बल दिया कि यमन का विषय स्पष्ट है और यह भी सबको पता है कि अतिक्रमणकारी कौन है। इसी प्रकार यह बात भी स्पष्ट है कि कौन लोग भारी हथियारों और आवासीय इलाक़ों की बमबारी कर यमनी जनता को निशाना बना रहे हैं।

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