तीन साल से रूठे पति को ले आई करवाचौथ पर
कादीपुर // हरिशंकर सोनी – गंगा मैया मे जब तक ये पानी रहे मेरे सजना तेरी ये जिन्दगानी रहे करवा चौथ के मौके पर पत्नी ने बाहर रह रहे पति को अपने हठ से लेकर आना जो कि पत्नी से नाराज होकर दिल्ली मे एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करते रहे और करीब तीन साल बाद जब पत्नी को पता चला तो चार दिन पहले ही पति को ढूड़ने के लिये दिल्ली जा पहुची व पति को साथ लेकर करवा चौथ का व्रत पूरा करने के लिये वापस घर आयी कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के गोपालपुर नमाजगढ़ के रहने वाले भोलानाथ ओझा अपनी पत्नी निशा ओझा से कुछ साल पहले ही कोई बात को लेकर विवाद चल रहा था जिसके बाद से ही पति बाहर चला गया लेकिन जब पत्नी ने ठान ही लिया की इस बार करवा चौथ का व्रत अपने पति के साथ मनायेगी तो फिर कायनात पूरा जोर लगा ले मगर जीत पत्नी की ही होती है. आखिरकार आज शाम पॉच बजे अपने पति को साथ लेकर लौटी तो परिवारजनो की चेहरे की खुशी देखने लायक थी
8 अक्टूबर दिन रविवार को करवा चौथ का त्यौहार पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है करवा चौथ. इस दिन का चांद का विशेष महत्व होता है अधिक उत्साह के साथ शौक से विवाहिता स्त्रियों द्वारा शिव पार्वती गणेश और चंद्रमा का विधि पूर्वक निरा जल रह कर किया जाता है. करवा चौथ में व्रत परंपरा और स्वरूप का विशेष महत्व है. शादीशुदा महिलाएं शाम को चांद और पति के दर्शन करने के बाद तब जल ग्रहण करती है
गंगा मैया में जब तक पानी रहे
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे
करवा चौथ व्रत कार्तिक मास की कृष्ण चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन किया जाने वाला करवा चौथ का व्रत स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की कामनाऔर अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती है इस व्रत मे शिव पार्वती और गणेश चतुर्थी का पूजन किया जाता है इस शुभ दिवस की उपलब्धि पर सुहागिन की स्त्रियां पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जल व्रत रखती है पति-पत्नी की आत्मिक रिश्ते और अटूट बंधन का प्रतीक है करवा चौथ या करक चतुर्थी व्रत ताजगी एवं मिठास लाता है भारतीय सुहागिन स्त्रियों के लिए निरा जल व्रत की यही सही उद्देश माना जाता है