एक बार फिर वनराज निकले इंसानी बस्ती में सैर को
फारूख हुसैन
लखीमपुर खीरी/// जिले में लगातार आये दिन वनराज का खौफ बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण जिले के अधिकतर क्षेत्रों में लोगों दहशत जदा हो चुके हैं क्योंकि आये दिन जिस तरह से वनराज लोगों का अपना शिकार बना रहें हैं । परंतु उनकी इस हरकत और दहशत ने लोगों को बहुत ज्यादा ही परेशानी में डाल दिया है। बीते समय होने वाले वनराज के ताबड़तोड़ हमले ने आमजन क्या वन अधिकारी और कर्मचारियों को लोहे के चने चबवा दिये थे और फिर बाहर से स्पेशिलिष्ट को बुलवाकर काफी मशक्कत के बाद उस आदमखोर वनराज को पकड़ा गया था परंतु उसके पकड़े जाने के बाद भी कुछ सवाल वह छोड़ कर गया था जिसके आज तक उत्तर नहीं मिल पाये ।
फिलहाल जो भी रहा हो परंतु वनराज के द्वारा आये दिन हमलों ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है पूरे जिले में कहीं न कहीं वनराज के हमले होते ही जा रहें हैं जिसमें किसी न किसी की मौत हुई है और कुछ गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं जिनकी किस्मत अच्छी हुई होगी वह अब सामान्य जीवन जी रहें होंगे। अभी बीते दो तीन दिन पूर्व जिले के गोला मोहम्मदी मार्ग पर बसे ममरी ग्राम में एक व्यक्ति पर वनराज के हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था जिसके कारण आक्रोशित लोगों ने चक्का जाम किया था और प्रशासन ने काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया था और इस वनराज को जल्द से जल्द पकड़वाने का आश्वासन वन विभाग ने ग्रामवासियों को दिया था और इसी कारण के चलते ममरी क्षेत्र की घटना डीएफओ के निर्देश पर महेशपुर रेंज के लंदन पुर मिर्जापुर ग्रंथ क्षेत्र के नासिर पुर रमवापुर इलाके में वनराज की लोकेशन ट्रेस करना शुरू कर दिया गया जो कि गोला महेशपुर रेंज के वन कर्मियों की टीम ने की परंतु उन्हें अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पायी.
ऐसे में यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वनराज का मूवमेंट थम सा गया है। बीते दिन पूर्व पन्ना पुर लीलापुर क्षेत्र में मिली लोकेशन शायद कुछ देर की रही हो। फिलहाल टीम ने ग्रामीणों को अलर्ट करते हुए खेतों में अकेले ना जाने की चेतावनी दे दी है साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को कृषि कार्य के लिए समूह में जाने की सलाह दी है। वैसे महेशपुर जंगल क्षेत्र कुछ गावों में ग्रामीणों को धान कटाई के लिए जान जोखिम में डालकर खेतों की ओर जाना ही पड़ता है जहाँ अब वहाँ जाना उनके लिये चेतावनी साबित हो रहा है ।
आखिर कुछ तो कारण होगा जो वनराज अब मनुष्यों की बस्ती में सैर के लिए निकल रहें हो और शायद अब मनुष्यों को वह अपना भोजन समझने लगे हों। कारण कुछ तो है जो शायद हम देखना नहीं चाहते या फिर जानकर भी अनजान बन रहें हैं और अब वनराज हमें उस कारण को याद दिलाना चाहते हैं यह बात हम आपके लिये कड़वी तो हो सकती है परंतु इसमें पूर्णता सच्चाई ही है। हम सभी जानते हैं कि जिस तरह से हमारे अपने रहने के लिये घर है मोहल्ला है गाँव है शहर है कस्बे हैं साथ ही और भी न जाने क्या क्या और जब हमारे इस चयनित स्थानों पर कोई बाहरी देश का या फिर अपने ही देश के किसी हिस्से से आने वाला कोई कब्जा करना चाहे तो हम उसे भगाने के लिये पूरी ताकत लगा देते है और कुछ लोग जो कमजोर होते हैं और फिर कोई उनके घर एरिया पर कब्जा कर लेता है तो भी हम किसी न किसी तरीके से उसे बाहर निकालने के पैतरे आजमाने हैं और उसके लिये आक्रोश में आकर हम उसकी हत्या तक कर देते है।
इसी तरह हम भी कुछ ऐसा ही कर रहें हैं वनराज के एरिया घर पर कब्जा करके उसको आक्रोश में लाने का कार्य कर रहें हैं सभी जानते हैं कि हमारी तरह वन जंगली वन्य जीवों के घर हैं और वही उनके लिये उनका भोजन भी होता है परंतु हम जिस तरह चोरी चुपके या फिर जानकारी में ही वनों को काटकर साफ करते जा रहें हैं और उनको अपने लिये उपयोग में लाने का कार्य कर रहें हैं यह पूरी तरह से गलत हैं क्योंकि जिस तरह से पूरे के पूरे के वन काटकर साफ किये जा रहें हैं जिसके कारण वन्य जीवों के रहने की समस्या बढ़ती ही जा रही है और फिर इसी कारण वश वह अब बस्ती की ओर आना शुरू कर चुके हैं।
आजकल विद्यालयों से लेकर न जाने कितने स्थानों पर वनों को न काटने और वनों की उपयोगिता के बारे में सभी को बताया जाता है और वनों के कटान को रोकने के लिये कई कानून भी पारित कि ये गये परंतु वह सब फेल होते नजर आ रहें हैं क्योंकि आजकल चंद रूपयों के लालच में लोग सब कुछ भूल जाते हैं जो कि सोचनीय है। अब आप समझ गये होंगे कि किस कारण वनराज अब हमारी बस्तियों में घूमने आने लगे हैं ।