हत्या के दोषी अधिवक्ता को आजीवन कारावास व 50,000 रुपये जुर्माने की सजा
मऊ : सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बुनकर कालोनी में लगभग छह वर्ष पूर्व अलमा खातून की संपत्ति के विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में दोष सिद्ध आरोपी असलम अली उर्फ नन्हें वकील के सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम आदिल आफताब ने इस चर्चित हत्याकांड में छह वर्ष तक चले विचारण के उपरांत मंगलवार को अपना निर्णय सुनाते हुए दोष सिद्ध आरोपी को आजीवन कारावास तथा 50,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड की धनराशि में से 80 फीसद धनराशि मृतका के पति को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया।
वादी मृतका के पति निजामुद्दीन ने थाने में 17 जुलाई 2011 को तहरीर दी थी कि उसकी पत्नी अलमा खातून बुनकर कालोनी में अकेली रहती थी। आरोपी मुंशीपुरा निवासी असलम अली उर्फ नन्हें वकील का उसकी पत्नी से मकान को लेकर विवाद था तथा आरोपी ने वादी व उसकी पत्नी को जान से मारने की धमकी दी थी। 17 जुलाई की बीती रात उसकी हत्या कर दी गई। मृतका का शव आरोपी के कब्जे वाले मकान से बरामद किया गया। इस मामले में अभियोजन की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीप्रकाश यादव ने सजा के बिंदु पर कहा कि आरोपी विधि व्यवसाई है।
समस्त ज्ञान व नैतिक मूल्यों की उपेक्षा करते हुए हत्या जैसा गंभीर अपराध किया है इसलिए इसे अधिकतम सजा दी जाए। परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित इस मामले में समीक्षा के दौरान न्यायालय ने यह पाया कि मृतका के वकील अफजल अली पहले से उसके मामले में पैरवी करते थे तथा उसकी हत्या के बाद अभियोजन की तरफ से भी पैरवी करते थे। आरोपी नन्हें वकील द्वारा 9 अक्टूबर 12 को अधिवक्ता अफजल अली की हत्या करा दी गई। इस हत्याकांड में भी असलम अली उर्फ नन्हें आरोपी हैं। न्यायालय ने समस्त साक्ष्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए असलम उर्फ नन्हें को अलमा खातून की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।