35 साल फरार रहने वाला हत्यारोपी आफताब उर्फ़ नाटे की हुई मौत.
35 वर्ष बाद हुई थी गिरफ्तारी
आफताब फारुकी.
इलाहाबाद। हत्या मामले में 35 वर्ष बाद गिरफ्तार किये गये सजायाफ्ता कैदी आॅफताफ उर्फ नाटे की उपचार के दौरान स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में शनिवार की शाम मौत हो गयी। उसे दो दिन पूर्व केन्द्रीय कारागार नैनी के बन्दी रक्षकों ने उपचार के लिए भर्ती कराया था। शहर के शाहगंज थाना क्षेत्र के दायराशाह अजमल निवासी आफताफ उर्फ नाटे 75वर्ष पुत्र खुर्शीद आलम छह भाइयों में तीसरे नम्बर का था। उसकी तीन बेटियां व पत्नी शबरूननिशा है। तीन बेटियां तो शहर में ही रहती है। लेकिन पत्नी किसी दूसरे शहर में रह रही है।
मृत कैदी नाटे के भतीजे सिफटैन आलम ने बताया कि उनके खिलाफ कोतवाली थाने में 52/1981 धारा 302,307 का मुकदमा दर्ज था। जिसमें अजमत नामक व्यक्ति की हत्या मामले में आरोपी थे। अदालत ने वर्ष 1983 में आरोपी बनाये गये थे। जिसमें एक आरोपी सफीक की हत्या के कुछ माह बाद ही मौत हो गयी। जबकि जमानत पर रिहा होने के बाद आफताफ उर्फ नाटे मुकदमें की पैरबी करने की स्थिति में नहीं था और वह सजा होने के बाद चुपचाप शहर छोड़कर फरार हो गया। लेकिन बाद में शाहगंज थाना बनने के बाद मामला उलझ गया और पुलिस भी मामले को भूल बैठी और मुकदमा चलता रहा । हत्या मामले में हाईकोर्ट के 24 अगस्त वर्ष 2017 को आदेश के बाद पुलिस ने तेजी तलाश शुरू कर दिया और 35वर्ष बाद पुलिस ने नाटे को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके हत्या मामले में सजायाफ्ता कैदी आफताफ उर्फ नाटे को केन्द्रीय कारागार जेल भेज दिया गया। जहां उसकी 12 अक्टूबर को अचानक तबियत खराब हुई तो उसे जेल के बन्दी रक्षकों ने पहले उसे जिला चिकित्सालय मोतीलाल नेहरू में भर्ती कराया। हालत नाजुक होने की वजह से उसे चिकित्सकों ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के लिए भेज दिया। वह दमारोग सहित विभिन्न बीमारियांे से पीड़ित था, उसका उपचार चल रहा था लेकिन शनिवार की शाम उसकी मौत हो गयी। शव को चिकित्सकों ने अन्त्य परीक्षण के लिए चीरघर भेज दिया। नाटे की मौत की खबर जेल प्रशासन ने उसके परिजनों को दी। उसके परिजन रविवार को चीरघर पहुंचे।