पाकिस्तान में चेहलुम के ज़ायरीन पर अत्याचार, हफ़्तों से हज़ारों लोगों कर रहे प्रदर्शन
आदिल अहमद // समीर मिश्रा.
पाकिस्तान में हज़ारों श्रद्धालुओं ने सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन कर रखा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के विभिन्न शहरों के हज़ारों श्रद्धालु लगभग 550 बसों के माध्यम से इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम (अरबईन) में भाग लेने के लिए ईरान से जुड़ी हुई पाकिस्तान की तफ़्तान सीमा से गुज़रना चाहते हैं लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें क्वेटा से आगे बढ़ने से रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा कारणों से इन लोगों को आगे बढ़ने से रोका गया है। पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि इन लोगों को सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है इस लिए इन्हें सीमा की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान के कुछ सूत्रों का कहना है कि सरकार, सऊदी अरब के इशारे पर यह काम कर रही है पाकिस्तान श्रद्धालु बड़ी संख्या में कर्बला न पहुंच सकें।
कर्बला में इमाम हुसैन के चेहलुम और उससे पहले पैदल ज़ियारत में अब अधिक समय नहीं बचा है और इन श्रद्धालुओं को ईरान के भीतर भी कम से कम दो दिन की यात्रा करनी पड़ेगी और फिर ईरान की सीमा से कर्बला तक पहुंचने में भी एक दिन लगेगा इस लिए अगर उन्हें यथाशीघ्र तफ़्तान सीमा जाने की इजाज़त न दी गई तो वे अरबईन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे जिसका वे एक साल से इंतेज़ार कर रहे हैं।
पाकिस्तानी सरकार के रवैये से क्रोधित श्रद्धालुओं ने कई दिन से क्वेटा में धरना प्रदर्शन कर रखा है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ शिया धर्मगुरू अल्लामा राजा नासिर अब्बास ने बताया है कि क्वेटा में हज़ारों शिया श्रद्धालु असहाय हो कर बैठे हुए हैं और सरकार सुरक्षा के बहाने चार सौ से अधिक बसों को जाने की अनुमति नहीं दे रही है और कह रही है कि 140 बसों को चार सुरक्षा कारवानों के साथ भेजा जाएगा बाक़ी सब वापस चली जाएं। उनका कहना था कि हज़ारों श्रद्धालु बीस दिनों से अपने वैध दस्तावेज़ों के साथ हर साल की तरह इस साल भी ज़ियारत के लिए जाने की प्रतीक्षा में हैं लेकिन सरकार उनके साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाए हुए है। एक अन्य शिया धर्मगुरू ने कहा है कि अगर सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में बाक़ी रहने का कोई अधिकार नहीं है।