जानिये राहुल गांधी ने वसुंधरा राजे सिंधिया को क्यों याद दिलाया 1817 का वो साल
राजस्थान की वसुंधरा सरकार के एक अध्यादेश को लेकर सियासत गरमा गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां सीएम वसुंधरा राजे को आड़े हाथ ले रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए सूबे की मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. राजस्थान की वसुंधरा सरकार के एक अध्यादेश को लेकर सियासत गरमा गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां सीएम वसुंधरा राजे को आड़े हाथ ले रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए सूबे की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘मैडम चीफ मिनिस्टर, हम 21वीं सदी में रह रहे हैं. यह साल 2017 है, 1817 नहीं.’ उनका 1817 का जिक्र करने का बहुत बड़ा कारण है. आइए जानते हैं क्या…
क्यों किया 1817 का उल्लेख
राहुल ने अपने ट्वीट में 1817 का उल्लेख इस लिए किया क्योकि 1794 से 1827 तक ग्वालियर में दौलतराव सिंधिया का शासन था. अंग्रेजों ने पिंडारियों के दमन के लिए 1816 में सिंधिया घराने से सहायता करने को कहा. 1817 में पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए अंग्रेजों और सिंधिया घराने के बीच ग्वालियर की संधि हुई. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सिंधिया घराने से खून का रिश्ता है.
वसुंधरा सरकार ने ऐसा अध्यादेश जारी किया है कि किसी भी जज, मजिस्ट्रेट या लोक सेवक के खिलाफ सरकार से मंजूरी लिए बिना किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है.
इस आदेश के अनुसार नागरिकों के मूल भूत संवैधानिक अधिकार को ही समाप्त कर दिया हैं. इसका काफी विरोध भी रहा है. हालांकि, राजस्थान की सरकार ये दलील दे रही है कि अध्यादेश लोगों के हित के खिलाफ नहीं है. मकसद ये है कि अधिकारी बिना दबाव के काम कर सकें लेकिन कांग्रेस इसे काला कानून और लोकतंत्र के खिलाफ बता रही है.