अमर यादव और मधुसेन ने बनाया विश्व की सबसे विशाल ताजिया.
महाराजगंज // भारत-नेपाल सीमा पर ठूठीबारी क्षेत्र के लक्ष्मीपुर से सटे नो मेन्सलैंड पर स्थित भुजहवा मे ग्रामीणों के आपसीे सहयोग से एक विशाल ताजीया बना जिसके निर्माण मे 600 बांस व 50 किलो कील का उपयोग हुवा है. ताजिये के निर्माण मे लगभग 4-5माह का समय लगा. विशाल ताजीया समिति के अध्यक्ष अमर यादव ने बताया है कि 600 बाँस 50 किलो काटी एवं 3 लाख के लागत से बने ताजीये को बनाने मे लगभग 120 दिनो का समय लगा.
कुल 18 खन्डो मे बने इस 70 फिट के ताजिये को बनाने मे कुशल कारीगर मधुसेन एवं बन्धन साहनी ने काफी मेहनत किया है| ताजीया मे भुजहवा के प्रधान हयात अली , अध्यक्ष अमर यादव, रामलखन, अनिल यादव इस्माईल अली , जन्त्री , विजयी , श्रीकांत, सुरेश आदि ने काफी सहयोग किया है. और इसकी प्रसिद्धि से पुरा क्षेत्र काफी खुश है.
यह तो था साहेब एक रनिंग स्टोरी टाइप का समाचार. अब इसकी खासियत पर आपका ध्यानाकर्षण करवाना चाहते है. कहा है आज की तारिख में वह लोग जो हिन्दू मुस्लिम भाई चारे को अलग कर फुट की राजनीत करते है, कहा है देश के वह गद्दार जो इन दो भाइयो को लड़वाते है. कहा है कथित वह देश भक्त जो देश के अन्दर फुट की और नफरत की खेती और सौदागरी करते है. अरे आओ और देखो इस ताजिया को इसकी अजमत को तुम क्या देख पाओगे बस तुम इसकी तामीर और खिदमत को देखो. इस समिति का अध्यक्ष कौन है अमर यादव एक भारतीय वह न हिन्दू है न मुसलमान वह है भारतीय एक ताजिये को बिना पारिश्रमिक के बनाया किसने आओ देखो गौर से उसका नाम है मधुसेन. जी हां मधुसेन ने अपनी आस्था और विश्वास पर इस ताजिये को बनाया है वह भी एक भारतीय है. इस पवित्र देश का एक नागरिक है वह हिन्दू होगा तुम्हारे शब्दों में तुम्हारी सोच में मगर वास्तव में वह है सिर्फ एक इंसान और एक भारतीय नागरिक. गौर से देखो ज़रा क्या देखते हो नफरत की राजनीत करने वालो इसमें जन्त्री, विजयी, श्रीकांत, सुरेश का नाम भी है और देखो और देश के इन नागरिको को नमन कर लो ताकि देश सुरक्षित रहे ताकि भारत में सिर्फ भारतीय रहे कोई हिन्दू मुस्लिम न रहे. तुम लाख फुट डालो मगर जब तक अमर यादव और मधुसेन जैसे शूरवीर भारतीय इस देश में है नफरत का बीच बोया तो ज़रूर जायेगा मगर उसकी फसल नहीं उगेगी. नमन है इन भारतीयों को हमारा