चेहल्लूम इमाम हुसैन के शहादत के चालीसवें दिन मनाई जाती है

सुमित भगत

चेहल्लुम पैगम्बर हज़रत मोहम्मद(स) के नवासे( नाती ) इमाम हुसैन (अ) की कर्बला में दी गई बेमिशाल शहादत के चालीसवें दिन उन्हें श्रधांजलि देने के लिये मनाया जाता है । गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार इमाम हुसैन को श्रधांजलि देने चेहल्लुम के दिन कर्बला में दुनिया का सबसे बड़ा जमावड़ा होता है । 2014 में 2.5 करोड़ लोग चेहल्लुम के दिन कर्बला में मौजूद थे । इस साल 2017 में 110 देशों से 7.5 करोड़ लोगों के कर्बला पहुंचने का अनुमान है । आश्चर्यजनक यह भी है की इस देश की जनसंख्या ही 3 करोड़ 86 लाख है । यहां लोग फ्री में अतिथियों के लिए फल ,मेवे,दूध ,जूस ,और खाने के थाल लिए हुए स्वागत में त्यार दिखाई देते हैं । अतिथि एयरपोर्ट से 90 किलो मीटर पैदल चल के जाते हैं । और वहां के लोग उनके पैर दवाने तक को गौरव समझते हैं । अतिथि सत्कार ,प्यार , मोहब्बत की ऐसी मिसाल शायद ही कहीं देखने को मिले । यूं तो हर देश पुण्य दमझते हुए वहां हर मदद देता है वहीं ईरान ने भी इस वर्ष दुनिया के सबसे बड़े जमावड़े हेतु सुरक्षा के लिए 50 हेलीकॉप्टर ,72 करोड़ पानी का बाटल,9000 टन चावल ,9000 टन सब्जी , दवाएं आदि भेज दी है । मान्यता है कि चेहल्लुम के दिन आसमान के सभी फरिश्ते भी कर्बला में ज्यारत के लिए मौजूद होते हैं, सच है कर्बला पृथ्वी का स्वर्ग है और इंसानियत को बचाने वाले हुसैन (अ)इस सल्तनत के बादशाह है ।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *