चायल में भाजपा के बागी निर्दल ने बदला समीकरण ढीली हुई दलों की राजनीति

तबज़ील अहमद 

कौशाम्बी // चायल नगर निकाय चुनाव में इस मर्तबा कौशाम्बी जिले की चायल नगर पंचायत की राजनीति के चर्चे पूरे प्रदेश में है। यहां का राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गरम हो उठा है। और गरम भी क्यों न हो ? यहां पर सत्ता पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद बागी हुए प्रबल दावेदार ने एन वक्त पर चुनाव मैदान में कूदकर दलों की राजनीति और गुणा गणित को फीकी जो कर दिया है। श्याम पाल के इस प्रकार नए कलेवर और तेवर में नामांकन कर देने से दलों के नेता और निर्दल प्रत्यशियों के चेहरे की हवाइयां उड़ी सी ही।
चायल नगर पंचायत में समाजसेवी और पत्रकार श्याम पाल का नाम किसी भी शख्स की जुबां पर आते ही लोगों में एक अनायास ही उमंग और उत्साह फूट पड़ता है। इसी कारण से इस वर्ष यहाँ की जनता उन्हें नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रबल उम्मीदवार मान रही है। इनका नाम देश और प्रदेश में सत्ता भोग रही भारतीय जनता पार्टी में भी उनकी कर्मठता के कारण लिया जाता रहा है।लोगों ने कयास लगा रखा था कि बीजेपी की तरफ से श्याम पाल ही उम्मीदवार होंगे। लेकिन पार्टी ने उनके पक्ष में फैसला न लेकर भूतपूर्व चेयरमैन पर अपना दांव खेल दिया। इस कारण श्याम पाल और उनके समर्थकों में मायूसी मिली। पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर श्याम पाल ने बागी तेवर अपनाया और सोमवार को नामांकन के अंतिम चरणों मे अपना पर्चा दाखिल कर दिया।
इस बात की जानकारी जैसे ही राजनीति के गलियारों में पहुंची तो हड़कम्प मच गया। फीके पड़ रहे चुनावी गुणा गणित को लेकर एक बार फिर से दल और निर्दल के उम्मीदवार और दलों के जिम्मेदार नेता अपना समीकरण बनाने की अनचाही कोशिश करने लगे। माना यह जा रहा है कि यदि भाजपा से बागी होकर आए निर्दल उम्मीदवार श्याम पाल का कलेवर और तेवर इसी प्रकार चलता रहा तो यह चायल नगर में दल और निर्दलों का समीकरण खत्म कर ही देंगे, साथ मे इसका असर, जिले और प्रदेश में भी देखने को मिलेगा।|

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