पुतीन के तेहरान दौरे के महत्वपूर्ण आयामों पर एक नज़र
रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल के साथ तेहरान का दौरा किया। मास्को ने पुतीन के तेहरान दौरे का लक्ष्य, ईरान, रूस और आज़रबाइजान गणराज्य के बीच त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेना बताया था. इसके बावजूद यह कहा जा सकता है कि पिछले दो वर्ष के दौरान रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन ने वरिष्ठ राजैतिक और आर्थिक प्रतिनिधि मंडलों के साथ ईरान का दो बार दौरा किया। इस महत्वपूर्ण दौरे के विभिन्न आयामों पर नज़र डाल रहे हैं प्रसिद्ध टीकाकार हसन बहिश्तीपूर।
हसन बहिश्तीपूर का कहना है कि पुतीन ने तेहरान में आयोजित होने वाली त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए ईरान का दौरा किया। यह दूसरी त्रिपक्षीय बैठक है। इससे पहले यह बैठक आज़रबाइजान गणराज्य की राजधानी बाकू में आयोजित हुई थी। ईरान, आज़रबाइजान गणराज्य और रूस, दक्षिणी-उत्तरी लाइन को सक्रिय करने के प्रयास में हैं ताकि रेल मार्ग और संपर्क के अन्य रास्तों से फ़ार्स की खाड़ी और ओमान सागर तक रूस और आज़रबाइजान गणराज्य की सरल पहुंच बनाई जा सके।
दूसरी ओर रूस की आस्ताराख़ान बंदरगाह तथा आज़रबाइजान गणराज्य से रेल के माध्यम से उत्तरी काकेशिया तक ईरान की पहुंच संभव हो सकेगी। यहां पर यह बात उल्लेखनीय है कि तीनों देश तेल और गैस के उत्पादक हैं इसीलिए ईरान, रूस और आज़रबाइजान गणराज्य के बीच तेहल के बाज़ार तथा यूरोप तक गैस और तेल पहुंचाने में सहयोग प्रभावी सिद्ध हो सकता है। यही वजह है कि इस यात्रा को त्रिपक्षीय सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम क़रार दिया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण उद्देश्य के साथ रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन अपनी तेहरान यात्रा के दौरान जिस महत्वपूर्ण लक्ष्य को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं वह ईरान के साथ द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार है। हालिया वर्षों में ईरान और रूस के बीच राजनैतिक, सुरक्षा और क़ानूनी आयाम से सहयोग विस्तृत हुए हैं।
इस सहयोग को दुनिया ने सीरिया के मामले में और आतंकवाद से संघर्ष में दमिश्क़ सरकार को बाक़ी रखने में सहायता प्रदान करने में अच्छी तरह देखा जा सका है। आर्थिक दृष्टि से भी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग जारी हैं। बूशहर बिजली घर के दूसरे और तीसरे फ़ेज़ के उद्घाटन के विषय से पता चलता है कि परमाणु बिजली के उत्पादन के बारे में ईरान और रूस के बीच सहयोग नये चरण में दाख़िल हो गया है। आर्थिक मामलों में सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि वर्तमान समय में ईरान और रूस दोनों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगा रखे हैं इसीलिए आज़ारबाइजान गणराज्य के साथ ईरान और रूस का आर्थिक सहयोग, अमरीकी प्रतिबंधों से मुक़ाबले के प्रयास के लिए भी हो सकता है।
वास्तव में यह कहा जा सकता है कि रूस, प्रतिबंधों से मुक़ाबले के लिए ईरान के अनुभव से लाभ उठा सकता है और इस संबंध में लेन देन के विस्तार के लिए आज़रबाइजान का साथ ले सकता है। यद्यपि यह त्रिपक्षीय समझौता प्रतिबंधों के एक भाग को प्रभावहीन कर सकता है किन्तु ईरान और रूस को अमरीकी प्रतिबंधों को प्रभावहीन करने के लिए आज़रबाइजान गणराज्य के साथ सहयोग के इस आदर्श से लाभ उठा सकते हैं। आतंकवाद और कटरपंथ के विषय पर भी ईरान, रूस और आज़रबाइजान गणराज्य के अधिकारियों ने विशेष रूप से ध्यान दिया। इस संबंध में क्षेत्र विशेषकर सीरिया में आतंकवाद से संघर्ष और दमिश्क़ की केन्द्रीय सरकार के समर्थन जैसे विषयों पर भी तीनों देशों के अधिकारियों ने वार्ता की।
बहरहाल ईरान और रूस ने अमरीका को क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग करने का फ़ैसला कर लिया है औरर जैसा कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतीन के साथ मुलाक़ात में ईरान और रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों से संयुक्त रूप से मुक़ाबले के लिए सहयोग को लाभदायक बताया और कहा कि देशों के संबंधों को कमज़ोर करने के लिए दुश्मनों के प्रोपेगेडों की अनदेखी करते हुए ईरान और रूस अमरीकी प्रतिबंधों को , डाॅलर में लेन -देन को समाप्त करके और द्विपक्षीय व बहुपक्षीय आर्थिक मामलों में राष्ट्रीय करेंसी का प्रयोग करने सहित विभिन्न शैैलियों से प्रभावहीन बना सकते हैं और अमरीका को अलग- थलग कर सकते हैं।