सऊदी अरब के पाश्विक हमलों के ख़िलाफ़ यमन के शिया-सुन्नी धर्मगुरूओं की चेतावनी
यमन में सऊदी अरब द्वारा किये जा रहे पाश्विक हमलों की यमनी धर्मगुरूओं ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आले सऊद शासन को चेतावनी दी है। यमन की राजधानी सनआ में एक पत्रकार सम्मेलन में एकत्रित हुए शिया-सुन्नी धर्मगुरूओं ने हाल के दिनों में सऊदी अरब के तेज़ होते हमलों और आम नागिरकों को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि दुनिया यमनी राष्ट्र पर अत्याचार होते देख रही है किंतु सऊदी अरब की दौलत के आगे ख़ामोश है। उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर को यमन के सअदा प्रांत के सेहार इलाक़े में सऊदी अरब के युद्धक विमानों की भीषण बमबारी में 17 आम यमनी नागरिक हताहत और 6 घायल हो गए थे, मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे।
रसा समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यमन के धर्मगुरूओं की सामिति ने गुरुवार को एक बयान जारी करके कहा कि इस प्रकार के पाश्विक और अमानवीय हमले यह दर्शाते हैं कि सऊदी अरब किसी भी प्रकार के मानवीय क़ानूनों और मानवाधिकारों को महत्व नहीं देता है। धर्मगुरूओं ने यमन की जनता का आहवान किया कि वे सऊदी अरब के आले सऊद शासन और उसके एजेंटो के मुक़ाबले में पूरी दृढ़ता के साथ डटे रहें।
दूसरी ओर यमन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन अंसारूल्लाह ने एक बयान जारी करके सऊदी अरब और उसके घटकों द्वार यमन पर किए जा रहे पाश्विक हमलों की निंदा की है। अंसारूल्लाह ने अपने बयान में कहा है कि यमन पर जारी हमलों के लिए केवल सऊदी अरब ज़िम्मेदार नहीं है बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व समुदाय भी यमन की जनता के नरसंहार के लिए बराबर का ज़िम्मेदार है।