मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रही है बलिया मे ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें
सङक पर करें शौच वर्ना हो जायेगा एफआईआर
अंजनी राय.
बलिया।। जनपद के सबसे बड़े ब्लाक नगरा में जहां आधा दर्जन से ऊपर ग्राम पंचायतों के मजरों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) करने की कवायद में प्रशासन लगा हुआ है। वहीं ग्रामीण व मुख्य सड़कों की हालत बद से बदतर है। स्थिति यह है कि गांवों की सड़कें शौचालय बन चुकी हैं। आश्चर्य तो यह है कि इतना जनजागरण अभियान चलाने के बाद भी सड़कों पर शौच करने की प्रवृति पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ये सड़कें भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रही हैं।
इन सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। यदि हम बात करें मुख्य सड़कों की तो नगरा से भीमपुरा वाया बरौली, नगरा से गड़वार, नगरा से टडवां की सड़कों पर आज भी किनारे बसे गांवों के आधे लोग शौच करने को विवश हैं। मुख्य सड़कों की पटरियों से गुजरते समय दुर्गंध के कारण राहगीर व पैदल चलने वाले कपड़े से मुंहढंककर चलते हैं। ज्यादा परेशानी पैदल व बाइक से चलने वालों को होती है।
ब्लाक सूत्रों के मुताबिक जिन मजरों को ओडीएफ करने हेतु प्रस्तावित किया गया है उनमें विशुनपुरा, करनी का पुरषोत्तमपुर, निगहुआ में मिठनुआ, कमरौली में दुलेसरा, त्रिलोकमंदा में सिधौना, विश्वरूप में रामापट्टी, बरवारत्तीपट्टी में फरहा लौकी इसके अलावा खेमपुर, भीटकुना, पकड़ी हरखबसंत, चाडी सराय संभल में ओडीएफ प्रस्तावित है। इन गांवों में शौचालय निर्माण के लिए धन भी प्राप्त ह़ो चुका है। हांलाकि शौचालय निर्माण की गति नौ दिन चले ढाई कोस की कहावत ही चरितार्थ कर रही है।
युद्धस्तर पर होगा शौचालय निर्माण
गांवों को ओडीएफ करने के सवाल पर बीडीओ उपेन्द्र कुमार पाठक व एडीओ पंचायत रमेश प्रसाद का कहना है कि जिन गांवों में ओडीएफ प्रस्तावित हैं उनमें युद्ध स्तर पर शौचालय निर्माण कराया जाएगा। सड़कों को शौच से मुक्त करने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। यदि इसके बाद भी रोक नहीं लगी तो चिह्नित कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जाएगा।