आखिर कब तक खानाबदोश की जिंदगी गुज़रेगे ये कटान पीड़ित

अनिल सिह।
रामगढ़ (बलिया) कही त्रिपाल ,कहि करकट ,कहि झोपड़ी ,लगा के एन एच 31 पर करते है गुजारा । आखिर कब तक जीऐ खानाबदोश की जिंदगी ।सुघर छपरा ढाले से डेंनजर जोन सुघर छपरा मोड़ तक सड़क के दोनो तरफ दर्जनो परिवार पिछले दो वर्ष से जान जोखिम मे डाल कर के सपरीवार जिन्दगी काट रहे है ।लेकिन अभी तक इन कटान पीड़ीतो को सरकार द्वारा जमीन उप्लबब्ध नही करायी गयी ।जिसके कारण इस ठन्डी मे मजबुरी बस खुले आसमान के नीचे त्रिपाल,करकट, झोपड़ी में गुजार रहे है जिंदगी ।ग्राम पंचायत केहरपुर के प्रधान बिजय कान्त पाण्डेय, कहते है की हमने भी शासन एवम जनप्रतिनिधियों का ध्यान कयी बार आकर्षित करके इन गरीब कटान पीड़ीतो के जमीन उपलब्ध करवाने की मांग किया ।क्यो की जबतक इन कटान पीड़ीतो को सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नही हो जाती तबतक आवास ,शौचालय ,जैसी सरकारी ग्राम पंचायत की सुबिधा का लाभ नही मिल सकता है । वही जितु सिहं ,मनीष सिह ,कहते है कि परेशानी का आलम यह है ।कटान पीड़ीतो को अपनी बेटियो की शादी तक इसी एन एच 31सड़क के बन्धो पर करना पड़ता है ।कितने सपने सजे होगे कटान पीड़ीतो के आखों में की हम अपनी बिटिया की शादी धुम , धाम से करेगे ।लेकिन गंगा नदी के कटान ने कही का नही छोड़ा ,जैसे तैसे गुजार रहे है जिन्दगी । आखिर कब तक मिलेगी सरकार से इन कटान पीड़ीतो को जमीन ,कब बनेगे इनके अपने मकान, कटान पीड़ीतो के मन मे यह एक यक्ष सवाल खड़ा है ।

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