बिहार: बालू खनन फैसला पुराने नियम ही होंगे लागू, कोर्ट ने लगाई विभाग को फटकार
गोपाल जी
पटना हाईकोर्ट ने बालू और गिट्टी का खनन पुरानी नियमावली के तहत करने का आदेश खनन विभाग को दिया है। साथ ही स्पष्ट आदेश के बावजूद खनन विभाग की ओर से नए-नए निर्देश जारी करने पर विभाग के प्रधान सचिव तथा उपसचिव की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी की।
सोमवार को चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर अदालत ने सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि जब कोर्ट ने नई नियमावली पर रोक लगाकर पुरानी नियमावली के तहत कार्य करने का आदेश दिया है तो फिर कैसे विभाग रोज रोज नए-नए निर्देश और अधिसूचना जारी कर रहा है। इसे अदालती आदेश की अवहेलना क्यों नहीं माना जाए। कोर्ट ने दोनों आला अधिकारियों को 18 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि हलफनामा दायर करने के पहले राज्य के मुख्य सचिव को दिखा दिया जाए।
खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभाग की ओर से जारी सभी निर्देशों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। राज्य में पुरानी नियमावली के तहत बालू खनन की अनुमति देने के बारे में विभाग को कानून के तहत आदेश जारी करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन तथा न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्ययाय की खंडपीठ ने एक साथ आधे दर्जन रिट याचिकाओं पर सुनवाई की।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीव कुमार तथा सूरज समदर्शी ने कोर्ट को बताया कि बिहार लघु खनिज नियमावली 2017 पर पिछले 27 नवंबर को रोक लगाए जाने के बाद विभाग ने गत 29 नवंबर को सूबे के सभी समाहर्ता को निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि नई लघु खनिज नियमावली पर रोक लगाए जाने के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए विभाग ने यह निर्णय लिया है कि खुदरा लाइसेंसधारियों को जारी लाइसेंस पुरानी नियमावली 1972 की धारा 49 के तहत जारी समझा जाए।
इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। गत चार दिसंबर को न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रधान सचिव की ओर से जारी आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के रोक आदेश को विफल करने के लिए ऐसा आदेश जारी किया गया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूर्व के लाइसेंसधारियों को ई-चालान जारी नहीं किया जा रहा था। जिस कारण लाइसेंसधारी बालू खनन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने ई-चालान विभाग को जारी करने का निर्देश देने की गुहार अदालत से लगाई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने विभाग की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए विभाग के सभी आदेश/निर्देश पर रोक लगा दी है। साथ ही लाइसेंसधारियों को कानून के तहत खनन करने का आदेश जारी करने को कहा।