बिहार: 8 साल की बच्ची वजन 85 किलो, साहब गरीब है ये मासूम इसका इलाज करवा दे
बिहार. मधेपुरा जिले के चौसा प्रखण्ड के लोआ लगान निवासी अनिल साह की पुत्री आंचल कुमारी लगातार बढ़ रही मोटापे की वजह से परेशान है। बच्ची की उम्र करीब 8 साल है। बच्ची का वजन लगातार बढ़ ही रहा है जो परिवार के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। अब तो स्थिति ऐसी है कि उसका चलना फिरना भी मुश्किल हो गया है। बच्ची को कोई गंभीर बीमारी है जिसका इलाज कराना उसके मां-बाप की सामर्थ्य के बाहर है। हालात ये हो गए कि उसके माता-पिता ने भी उसका साथ छोड़ दिया और उसे उसके नाना-नानी के घर छोड़ गए हैं।
मजदूर है पिता
इस बच्ची का नाम आंचल है। उसके पिता पेशे से मजदूर हैं और कम पैसों में ही अपना और परिवार का गुजारा करते हैं। बच्ची के तेजी से बढ़ते वजन और बढ़े शरीर के चलते घर में दिक्कतों का माहौल है। बच्ची की डाइट भी इनमें से एक है। पिता का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह बच्ची के खाने पीने से लेकर उसके इलाज का खर्च उठा सकें।
हार्मोनल डिस बैंलेस की वजह से थम नहीं रहा मोटापा
बच्ची की दादी रामपरी देवी का कहना था की आंचल का इलाज मुगेंर के प्राइवेट अस्पताल में कराया गया जहाँ डॉक्टर ने चर्बी बढ़ने की बात कही और इलाज में 5 हज़ार रुपया प्रतिदिन लगने की बात कही। आंचल के पिता दिल्ली पंजाब जाकर मजदूरी करते है, उनकी परिवार में गरीबी लाचारी के कारण अधिक रुपये खर्च करना उनके बस के बाहर है। मधेपुरा अस्पताल के उपाधीक्षक अखलेश कुमार का कहना है की यह एक हार्मोनल बीमारी है, जिसे इलाज के बाद ठीक किया जा सकता है मगर इसका इलाज बाहर ही संभव है। अंजली के परिवार पैसे के अभाव में इलाज कराने में असमर्थ है इधर बच्ची का वजन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। अगर जल्द ही इसका इलाज नहीं कराया गया तो बच्ची की मौत भी हो सकती है। ऐसे में अंजली को किसी रहनुमा की तलाश है।