बिहार : सुशील मोदी के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा, जानिये क्या है मामला…

गोपाल जी,

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी अभी पूरी तरह अपने बेटे की शादी से आजाद नहीं हुए कि उनके ऊपर एक मानहानि का मुकदमा दर्ज हो गया है। ये मुकदमा बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन रामाश्रय प्रसाद सिंह ने दर्ज करवाया है। जिसमें ये आरोप लगाया है कि उसके द्वारा दिए गए बयान से हमारी छवि खराब हुई है और इसके हरजाने के लिए हम 10 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। मामला सुशील मोदी द्वारा रामाश्रय प्रसाद पर पद के लिए लालू प्रसाद यादव को जमीन देने का आरोप है। इन्हीं सब बातों को लेकर पूर्व चेयरमैन ने सुशील कुमार मोदी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है।

अभी सबने देखा कितनी सादगी से कराई बेटे की शादी
जानकारी के मुताबिक डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये आरोप लगाया था कि रामाश्रय यादव को बीपीएसपी चेयरमैन बनाने के बदले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनसे पटना में पांच कट्ठा जमीन ले ली लेकिन रामाश्रय यादव का कहना था कि उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है और सुशील कुमार मोदी के लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। सुशील कुमार मोदी जानबूझकर और गलत तथ्यों के आधार पर मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

लालू को घेरने का हुआ है रिएक्शन!
रामाश्रय यादव का कहना है कि मैं 19 सालों तक कुवैत यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी का प्रोफेसर था, जिसे ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी ज्वाइंन कर ली और फिर बीपीएससी के चेयरमैन बन गया। पूर्व चेयरमैन रामाश्रय यादव ने कहा कि 1990 से 2005 तक लालू प्रसाद की पार्टी की सरकार थी और इस दौरान कई चेयरमैन सदस्य और वॉइस चांसलर नियुक्त किए गए थे लेकिन किसी से पैसा नहीं लिया गया था और ये सारे आरोप बेबुनियाद है। हकीकत तो ये है कि उस दौरान लालू प्रसाद यादव से हमारी बातचीत भी नहीं होती थी।

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