बिहार : एक साथ 80 हजार हेल्थ कर्मचारियों की नौकरी पर आया संकट, नीतीश सरकार ने हटाने का दिया आदेश
गोपाल जी
बिहार : एक साथ 80,000 चिकित्साकर्मियों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राज्य में संविदा पर बहाल सभी चिकित्साकर्मियों की नौकरी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने उनका टेंडर समाप्त करने का फैसला लिया है। दरअसल, संविदा पर बहाल चिकित्साकर्मी सामान कार्य के लिए सामान वेतन और सेवा अस्थाई करने जैसी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए थे। उनकी इसी हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा फैसला लिया, अब इस फैसले से सभी की नौकरी खतरे में पड़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने राज्य के सभी जिला अधिकारी और सिविल सर्जन को ये निर्देश जारी करते हुए सख्त हिदायत दी है की हड़ताली चिकित्साकर्मियों की जगह संविदा पर नए चिकित्साकर्मियों की बहाली की जाएगी। वहीं काम बहिष्कार करने वाले चिकित्साकर्मियों के वेतन भुगतान को रोक दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ले सकता है नौकरी वापस
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद सभी जिलों के जिला अधिकारी और सिविल सर्जन को लिखित आदेश देते हुए कहा कि इन चिकित्साकर्मियों के वर्क कॉन्ट्रैक्ट को तत्काल खत्म कर उनकी जगह नए कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति की जाए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर बहाल चिकित्साकर्मियों में डॉक्टर से लेकर नरसिंग होम सहीत निचले स्तर के चिकित्साकर्मी भी शामिल है।
चिकित्सकों का भी जारी है गुस्सा
जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने काम बहिष्कार करने वाले संविदा कर्मियों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। तो दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले के आगे नहीं झुकने का निर्णय लेते हुए संविदा पर बहाल हड़ताली चिकित्सककर्मी का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं पूरी करेगी तो हम लोग यहीं आत्मदाह कर लेंगे।
अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा ठप
वहीं प्रधान सचिव ने सभी जिला अधिकारियों को ये आदेश दिया है कि अगर हड़ताली चिकित्साकर्मी किसी भी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करते हैं तो उनके ऊपर नजदीकी थाने में FIR दर्ज कराते हुए उचित कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।