सच्चाई बयां करने वालों को समझ लिया जाता है बागी – पूर्व सीएम मांझी
गोपाल जी
शराबबंदी कानून की जमीनी हकीकत बयां करने पर जदयू नेताओं द्वारा टारगेट किये जाने का पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कड़ा एतराज जताया है. गया में मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि आज राजनीति के गिरते स्तर का ही नतीजा है कि सच्चाई बयां करने वालों को बागी मान लिया जाता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर गंभीर हैं लेकिन सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. वो सरकार को इस ओर आगे भी ध्यान दिलाते रहेंगे.
गया सिविल कोर्ट द्वारा 4 लीटर शराब के साथ पकड़े गये आरोपी को 10 साल की सजा और एक लाख का जुर्मना सुनाये जाने पर नराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून बनाते समय ही पीने वाले और कारोबार करने वाले की सजा मे अंतर रखने की बात कही थी लेकिन नीतीश कुमार ने सबको बराबर कर दिया और यही वजह है कि आज शरबबंदी कानून के तहत 90 फीसदी गरीब जेल के अंदर बंद हैं. जबकि बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार करने वाले पैसे के बल पर अपना काम आराम से कर रहे हैं.
जीतनराम मांझी ने प्रसिद्ध साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय के निधन के गया और बिहार के लिए अपूर्णीय क्षति बताया. उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सदयजी के नाम पर विशेष योजना शुरू करने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है.
गोवर्धन प्रसाद सदय का गुरुवार को 95 साल की उम्र में गुरूवार को निधन हो गया था. वे मगध प्रमंडल के जनसपंर्क विभाग के प्रथम उपनदेशक के रूप मे काम किया था और निधन से कुछ दिन पहले तक समाजिक कार्यों में बढ चढकर हिस्सेदारी कर रहे थे.