जरायम की दुनिया वाले अब बनेगे ‘इंसान’
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : ट्रेनो और स्टेशनो पर चोरी और लूटपाट करने वाले शातिर अपराधियो को जीआरपी गांधीगिरी का पाठ पढ़ाएगी। पेशेवर, आदतन और नशे मे अपराध करने वालो की काउंसिलिंग कराएगी। उनको सुधारने के लिए मनो चिकित्सक की मदद भी लेगी। अगर जरूरत पड़ेगी तो उन्हे एनजीओ को भी सौपा जाएगा। काउंसिल के लिए इलाहाबाद क्षेत्र मे सक्रिय 190 अपराधियो को चिह्नित किया गया है।
जीआरपी तमाम अभियान चलाकर भी ट्रेनो और स्टेशनो पर होने वाली अपराधिक घटनाओ पर अंकुश नही लगा पा रहा है। जब अभियान चलता है, तब घटनाएं कम होती है। उसके बाद शातिर चोर फिर सक्रिय हो जाते है। जेल से छूटने के बाद अगले ही दिन फिर चोरी करते हुए पकड़े जा रहे है। दिसंबर माह मे एक दर्जन से अधिक मामले अलग-अलग स्थानो मे सामने आए है। इससे निपटने के लिए जीआरपी ने अब नया रास्ता ढूंढा है। इस दिशा मे काम भी शुरू हो गया है।
सक्रिय अपराधियो मे 50 फीसद वांछित भी
एसपी जीआरपी का अधिकार क्षेत्र मुगलसराय से लेकर कानपुर तक और रेनूकूट से लेकर लाल गोपाल गंज तक है। जीआरपी जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह का कहना है कि सक्रिय अपराधियो की जो सूची तैयार की गई है। इसमे से 50 फीसद वांछित भी है। कई स्थानो पर गांव के अधिकांश लोग मौका पाकर चोरी की घटनाओ को अंजाम देने के बाद छुप जाते है।
फाफामऊ के पास के दो गांव निशाने पर सक्रिय अपराधियो की जो सूची तैयार की गई है उसमे फाफामऊ के पास का भटनी और बह्मलुपर गांव शामिल है। मिरजापुर मे अकोड़ी ऐसा गांव है, जहां पर ज्यादातर पेशेवर चोर रहते है। कई घटनाओ मे यहां के रहने वाले पकड़े जा चुके है।
एडीजी रेलवे लखनऊ के निर्देश पर यह सूची बनाई गई है। इसके आधार पर अपराधियो की काउंसिल कराई जाएगी। जीआरपी और मनो चिकित्सक की टीम अपराधियो से गहन पूछताछ करेगी। अलग कोई नशे मे अपराध करता है तो उसे नशा मुक्ति केद्र भेजा जाएगा। गरीब और मजबूरी मे अपराध करने वालो को हुनरमंद बनाया जाएगा। इस दिशा मे काम शुरू हो गया है।