इस्राईल के दरवाज़े पर इराक़ी फ़ोर्स की दस्तक, घबराये ज़ायोनी

अहमद शेख

अवैध रुप से क़ब्ज़े में लिए गए उत्तरी फ़िलिस्तीनी क्षेत्र की सीमा पर फ़ातेमा गेट के क़रीब इराक़ की स्वयंसेवी फ़ोर्स की असाएब अहलिल हक़ ब्रिगेड के प्रमुख शैख़ क़ैस ख़ज़अली ने कहा कि उनकी फ़ोर्स इस्राईली क़ब्ज़ा का मुकाबला करने और फ़िलिस्तीनियों की सहायता के लिए तैयार है। ख़जअली ने इस यात्रा की वीडियो क्लिप में कहा कि वह इस्राईल के ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े से लड़ने के लिए असाएब अहलिल हक़ फ़ोर्स फ़िलिस्तीन और लेबनान की जनता के साथ खड़ी है। यह घोषणा उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के इस एलान के बाद की है कि वह अपने देश का दूतावास तेल अबीब से बैतुल मुक़द्दस स्थानान्तरित कर रहे हैं।

इस समय इलाक़े में जिस तरह के हालात बने हैं उनसे मिस्र के दिवंगत राष्ट्रति के तीन ‘नहीं’  फिर से सबके मन में ताज़ा हो गए हैं, वार्ता नहीं, शांति नहीं, मान्यता नहीं। टीकाकारों का कहना है कि शैख़ ख़ज़अली की यह यात्रा जमाल अब्दुन्नासिर के ख़ारतूम वाले उसी बयान की एक कड़ी है। इस लिए कि इस समय इस्राईली क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ पूरा इलाक़ा एक अजीब उफान पर है। यही स्थिति उस समय भी थी जब इस्राईल ने पहली बार बैतुल मुक़द्दस पर क़ब्ज़ा किया था।

टीकाकारों का मानना है कि लेबनान से मिलने वाली उत्तरी अधिकृत फ़िलिस्तीन की सीमा के फ़ातेमा गेट से शैख़ ख़ज़अली का यह बयान साबित करता है कि यह सीमावर्ती इलाक़े के आम यात्राओं से अलग है। विशेषकर इस लिए कि उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि इराक़ी स्वयंसेवी बल फ़िलिस्तीन और लेबनान की जनता के साथ मिलकर इस्राईली कब्ज़े का मुक़ाबला करने के लिए तैयार है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जहां भी इस्लाम का मामला होगा और उन्हें पुकारा जाएगा वह वहां मौजूद होंगे।

इराक़ी स्वयंसेवी बल के इस वरिष्ठ अधिकारी की लेबनान फ़िलिस्तीन संयुक्त सीमा की यात्रा से इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद पर घबराहट छा गई है। इस्राईली सेना ने इसके बाद सीमावर्ती इलाक़ों में खुदाई और निर्माण का काम रोक दिया है और सैनिक बंकरों में घुस गए हैं।

इस्राईली सेना ने बहुत बड़े पैमाने पर अभ्यास किया जो पिछले 25 साल में उसने कभी नहीं किया था। यह अभ्यास सीरिया से लेकर लेबनान तक सीमावर्ती इलाक़ों पर अचानक हमले को रोकने की तैयारियों की समीक्षा के लिए था। अभ्यास के लिए रिज़र्व फ़ोर्स को भी बुलाया गया और शस्त्रागारों से भारी मात्रा में हथियार बाहर निकाले गए।

एसा लग रहा है कि इस्राईल एक बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है। इस्राईली अख़बारों की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईली सैनिकों को साइप्रेस में एक सप्ताह का कड़ा अभ्यास करवाया गया है। यह अभ्यास साइप्रस के पहाड़ी इलाक़ों में किया गया जो लेबनान के सीमावर्ती पहाड़ों से समानता रखते हैं।

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