नीतीश कुमार ने की न्यायतंत्र और पुलिस से अपील, कहा-अपराधियों को सजा दिलाने की बढ़ाएं रफ्तार, देंगे हर सुविधा
गोपाल जी,
पटना : राज्य में अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार में आयी कमी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार में तेजी लाएं. सरकार पैसा, पद और तकनीक समेत हर सुविधा देने को तैयार है. पुराने सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में रविवार को ‘प्रभावी इंवेस्टिगेशन, स्पीडी ट्रायल और ससमय न्याय’ विषय पर कार्यशाला में उन्होंने कहा कि समय पर लोगों को न्याय दिलाने पर भी खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है. कार्यशाला में आंकड़ों के जरिये सूबे में पिछले छह साल की तुलना में अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार में आयी गिरावट की जानकारी दी. वर्ष 2010 में जहां 14,311 अपराधियों को सजा मिली थी, वहीं 2016 में मात्र 5508 अपराधियों को सजा मिली. उन्होंने कहा कि आम लोगों के मन में कानून का भय नहीं, बल्कि भरोसा पैदा होना चाहिए. वहीं, अपराधियों में कानून का डर पैदा होना चाहिए. गलत करनेवाला बचेगा नहीं, यह मैसेज जाना बेहद जरूरी है. ‘रूल ऑफ लॉ’ की बदौलत ही आम लोगों में प्रजातांत्रिक व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा होगा.
मुख्यमंत्री ने एडीजी (मुख्यालय) से कहा कि वह इस सेमिनार में आये सभी प्रस्तावों की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराएं. सभी जरूरी सुझावों पर अमल करने को सरकार तैयार हैं. वर्ष 2006 में स्पीडी ट्रायल के जरिये अपराधियों को सजा दिलाने की कवायद शुरू हुई थी. उस समय अपराध अनुसंधान में आधुनिक तकनीकों का उपयोग नहीं के बराबर था. लेकिन, आज आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ने लगा है. फिर भी अपराधियों को सजा दिलाने की रफ्तार में कमी आयी है. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी एसपी को ज्यूडिशियल एकेडमी में ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए. इन्वेस्टिगेशन से जुड़े एसआइ को भी ट्रेनिंग से जुड़े छोटे शेड्यूल तैयार करके इन्हें भी बेसिक बातों की जानकारी देनी चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण है, किसी अपराध में समय पर ट्रायल और दोषियों को सजा होना.
वर्ष 2016 में में मात्र 5508 अपराधियों को मिली सजा
वर्ष अपराधियों को मिली सजा
2006 6,839
2007 9,853
2008 12,007
2009 13,146
2010 14,311
2016 5,508