पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर लगी रोक, अस्पताल में तोड़-फोड़ का मामला
गोपाल जी,
पटना जिला एवं सत्र न्यायालय ने जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कंकड़बाग थाना के केस संख्या 975/17 की सुनवाई के दौरान अदालत ने सांसद के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मामले को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय दशम को स्थानांतरित कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई इसी अदालत में होगी. सांसद पप्पू यादव पर आरोप है कि वह अपने 100 समर्थकों के साथ कंकड़बाग स्थित शिवा अस्पताल में घुस कर तोड़फोड़ की. इस मामले में पप्पू यादव पर अस्पताल के कर्मियों के साथ मारपीट, पुलिसकर्मियों के साथ गाली-गलौज व उनके कार्य में बाधा पहुंचाने, कर्मियों में भय एवं दहशत पैदा करने तथा उसके बाद अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन करने का आरोप लगाया गया था.
जानकारी के अनुसार भादवि का धारा 147, 149, 341, 323, 353, 427 व 504 के तहत पप्पू यादव को नामजद अभियुक्त बनाते हुए मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में अदालत में अनुसंधानकर्ता द्वारा दिये गये आवेदन के आलोक में न्यायालय ने गिरफ्तारी का वारंट निर्गत किया गया था. इससे पूर्व, बिहार की राजधानी पटना में चिकित्सकों के रवैये का विरोध करने वाले जन अधिकार पार्टी के मुख्य संरक्षक पप्पू यादव को सवर्ण सेना की ओर से चेतावनी जारी की गयी थी. मधेपुरा सांसद पर सेना ने बड़ा हमला बोला था. सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने पप्पू यादव पर सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया था सवर्ण सेना ने पप्पू यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि सस्ती राजनीति के लिए डॉक्टरों पर निशाना न साधें.
सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने कहा था कि गरीबों और असहाय लोगों के लिए आवाज उठाना बहुत ही अच्छी बात है लेकिन पूरे चिकित्सक समाज को लुटेरा और अपराधी घोषित करना कहां तक उचित है. सवर्ण सेना के राष्ट्रीय संयोजक भागवत शर्मा ने बताया था कि मधेपुरा सांसद पप्पू यादव अपनी सस्ती राजनीति और सस्ती लोकप्रियता बढ़ाने और मीडिया में बने रहने के लिए निर्दोष चिकित्सकों को बेवजह परेशान करते हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पप्पू यादव सर्टिफिकेट बांटने वाले होते कौन हैं.