सुलतानपुर के तीन साहित्यकारों को उ.प्र.हिन्दी संस्थान का पुरस्कार , जिले भर में प्रसन्नता की लहर
प्रमोद कुमार दुबे
सुलतानपुर । उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा सोमवार की देर रात घोषित पुरस्कार सूची में जनपद के तीन साहित्यकारों को महत्त्वपूर्ण स्थान मिला है । यह जानकारी देते हुये साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था अवधी मंच के सचिव ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ‘रवि’ ने बताया कि हिन्दी साहित्य में सुलतानपुर जनपद का विशिष्ट स्थान है । इस बार उ.प्र. हिन्दी संस्थान ने वर्ष 2016 के पुरस्कारों की जो घोषणा की है उसमें दो लाख रुपये का लोकभूषण सम्मान कादीपुर तहसील के रानेपुर गांव निवासी डॉ.आद्या प्रसाद सिंह’प्रदीप’ को , पचास हजार रुपये का महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार कादीपुर कस्बे के डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्दु’ को तथा यशपाल पुरस्कार बरऊपुर गांव निवासी शंकर सुलतानपुरी को दिया गया है ।
डॉ.आद्या प्रसाद सिंह ‘प्रदीप’ को लोकभाषा पर किये गये उनके समग्र महत्त्वपूर्ण कार्य हेतु , डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्दु’ को उनकी पुस्तक तुलसीतत्व चिंतन पर निबंध विधा हेतु व शंकर सुलतानपुरी को उनकी कृति चौथा कन्धा पर कहानी विधा हेतु पुरस्कृत किया गया है ।
जिले के यह तीनों साहित्यकार हिन्दी साहित्य की अपनी विधाओं में काफी चर्चित हैं । इनके सम्मान पर आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह’जटायु’ , कथासमवेत के सम्पादक डॉ.शोभनाथ शुक्ल,के.एन.आई.के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.राधेश्याम सिंह , युगतेवर के सम्पादक कमल नयन पाण्डेय, संत तुलसीदास पी.जी.कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.करुणेश भट्ट,डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी , युवा साहित्यकार ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह’रवि’ , अवनीश त्रिपाठी, मदन मोहन पाण्डेय ‘मनोज’ , ब्रजेश कुमार पाण्डेय ‘इन्दु’ , कृष्णमणि चतुर्वेदी ‘मैत्रेय’ आदि लोगों ने प्रसन्नता जताते हुये इसे जनपद का गौरव बताया है।