अगर हर गाँव में सफाई कर्मी तो हैं तो फिर सफाई क्या इसको कहते है साहब
बलिया।। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक गांवों व शहरों में सफाई अभियान चलाकर उन्हें स्वच्छ व सुंदर बनाने में लगी है लेकिन इसे लेकर अभी लोगों में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा है। गांवों में तैनात सफाई कर्मी सरकार के इस महाभियान को पूरी तरह पलीता लगाने पर तुले हैं और जिम्मेदार मूक दर्शक बने हैं। क्षेत्र के अधिकांश गांवों की नालियों व सड़कों की स्थिति काफी खराब है।
गांव के लोगों का कहना है कि कभी भी ये सफाई कर्मी नहीं दिखते जबकि गांवों की साफ-सफाई के लिए सरकार इनको भारी भरकम वेतन दे रही है। इससे क्षेत्र के गांवों में सफाई व्यवस्था और भी ध्वस्त हो गई है। गांवों की नालियां कचरे से पटी हैं तो हर ओर कूड़ा-कचरा फैला है। ग्रामीणों के बार-बार शिकायत के बाद भी कोई भी सफाई कर्मी गांवों में नहीं दिखते हैं। इससे गांव के लोगों में सफाई कर्मियों के प्रति काफी आक्रोश है। नगर से सटे बहादुरपुर गांव की अधिकांश गलियों व नालियों की साफ-सफाई आम अवाम को ही करना पड़ता है। इसमें एकाध दिन भी यह काम नहीं हुआ तो कचरे के ढेर पर चलना मजबूरी बन जाता है। बहादुरपुर आरा मशीन से पूरब की तरफ जाने वाली सड़क व नाली की दशा तो सबसे दयनीय है।