बिहार शौचालय निर्माण घोटाला – ऑडिट विभाग भी शक के दायरे में
अनिल कुमार
शौचालय निर्माण घोटाला मे पीएचईडी के तत्कालीन कैशियर और इस घोटाले के दूसरे सबसे बड़े खिलाड़ी बिटेश्वर ने कुल छः सौ चेक काटे थे लेकिन कैशबुक में केवल 80 चेक का हिसाब लिखा है । इससे यह साफ प्रतीत होता है कि घोटालेबाजों ने अच्छी खासी रिश्वत देकर ऑडिट भी करा लिया और मनमुताबिक रिपोर्ट भी बनवाया ली।
ऐसी आशंका है कि बिटेश्वर ने इन चेकों में से कुछ चेक अपने नाम कर इसे भुना भी लिया था । उसके बाद बाकी चेकों को पीएचईडी विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा के कहने पर बिटेश्वर ने एनजीओ के नाम से चेक काट दिया।
एसआईटी ने इस मामले मे फरार चल रहे निजी बैंक के मैनेजर समेत तीन लोगों की कुर्की जब्ती करने के लिए निगरानी कोर्ट में आवेदन भी दिया है। इस मामले में अभी भी 15 अन्य लोग फरार चल रहे हैं और एसआईटी की टीम उनके गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है ।