ये आगाज़ देख कर कही न कही डर तो भाजपा भी गई होगी.
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज भाजपा अपने चुनावी सफ़र 2019 का आगाज़ करने का सपना पाल आज वाराणसी में भाजपा के वर्त्तमान थिंक टैक अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावों की शुरुवात का बिगुल तो फुक दिया, मगर इस आगाज़ ने भाजपा के खेमे में माथे पर शिकन दिखाई दे गई. लगभग दस हज़ार युवाओ के साथ आज इस अभियान की शुरुआत करने आये अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के भी पेशानी पर परेशानी दिखाई दे गई होगी जब दस हज़ार युवा कार्यकर्ताओ के सभा स्थल पर काफी तयादात में कुर्सिया खाली पड़ी रही. हकीकी नज़रिये से सभा के हालात का बयान किया जाये तो कुर्सिया इतनी ही खाली थी कि लग ही नहीं रहा था कि सभा कही से सफल है.
खाली कुर्सिया कही न कही आमंत्रित विशिष्ठ जनों को जहा गौर करने पर मजबूर कर रही थी वही आयोजक मंडल के आयोजन और प्रमोशन पर भी सवालिया निशान लग रहा था. इंतेजामिया (आयोजको) ने मास्टर स्टोक खेला और खाली पड़ी कुर्सियों में काफी कुर्सिया मौके पर से हटवा दिया ताकि भीड़ समझ में आये. मगर तब तक सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने लगी और आयोजको ने कुछ खाली कुर्सिया वही छोड़ दिया. जो इस बात की गवाही देने के लिये काफी थी कि सभा के सफलता का दावा जिस प्रकार से यहाँ कि स्थानीय भाजपा कार्यकारिणी कर रही थी उसकी आधी भी सभा सफल नहीं है.
खैर, प्रोग्राम का आगाज़ हुआ और लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज किया गया। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने युवाओं को अपने साथ जोड़ते आगे बढ़ने की बात कही, वैसे जो भाजपा के तरफ से दस हज़ार युवाओ के सहित कार्यक्रम शुरू करने का दावा किया गया था वह दावा खोखला ही दिखाई दिया और लगा कि योगी और मोदी मैजिक कामयाब अब नहीं है या फिर शायद वह जादू अब ख़त्म होने के कगार पर है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नवजवानों को प्रोत्साहित करने के लिये बढ़िया तक़रीर किया मगर तक़रीर का असर होना और तक़रीर बैठ कर सुनना दो अलग अलग बात समझ में आई. कार्यक्रम के ख़त्म होते ही इन युवा कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ भाजपा की जिस विचारधाराओं पर बहुत जोशीली बाते मंच से कही गई थी उसको ही ज़मिदोज़ करने की कोशिश किया गया बल्कि उस सब विचारधाराओ की बेकद्री कर पीएम मोदी के स्वछता मिशन के सपने को भी ठेंगा दिखाया। वैसे तो कार्यक्रम में भीड़ नहीं थी मगर यह भी एक हकीकत है कि जो भीड़ थी उसमे नवजवानों की ताय्दात ज्यादा थी.
जानकारी के लिये बताते चले कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से युवा उद्घोष कार्यक्रम का आयोजन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मैदान में किया गया था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी की ओर से 7000 नए युवाओं के साथ 10000 अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को जोड़ने का दावा हुआ था। यानि कि कुल सत्रह हज़ार का दावा किया गया था. हकीकत में इस तय्दात से आस पास भी भीड़ नहीं थी और कह सकते है कि भीड़ ये हकीकत में उस तय्दात से आधी से भी कम रही होगी मगर ये भी एक हकीकत है कि जितने भी लोग आए उनमें से नये वोटर की तायदात ज्यादा थी और दावा किया गया कि यह हाल में ही बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी बने थे।
नये जुड़े कार्यकर्ताओ के साथ भले भाजपा यह पहली बैठक कर रही हो मगर इस बैठक में ही भाजपा के ये नये जुड़े कार्यकर्ता भाजपा की स्वछता अभियान की धज्जिया उड़ा गए और खूब जमकर सभा स्थल पर गन्दगी मचाई. यही नहीं सम्मान के उस पैरामीटर को भी दरकिनार कर दिया जिसके लिये सभी पार्टिया बाते अवश्य करती है. स्वामी विवेकानंद के कई पोस्टर ज़मीन पर फेके गए थे और ये सभी नये कार्यकर्ताओ ने उनको उठाना बेहतर न समझते हुवे उसके ऊपर से गुज़र जाना बेहतर समझ बैठे और पैरो तले रौदते हुवे चले गए
इस बारे में जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से पूछा गया तो उनका कहना था कि थोड़ा सा मिस मैनेजमेंट होता ही है लेकिन सारी चीजों को दुरुस्त करने की कवायद पार्टी की तरफ से की जा रही है।