मुख्यमंत्री ने किया समुत्कर्षा शिविर का उद्घाटन, कहा कुम्भ का आयोजन प्रदेश का ही नही अपितु विश्व का होगा पर्व

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने अपने इलाहाबाद भ्रमण के दौरान आज माघ मेला परिसर स्थित विद्य़ा भारती क्षेत्रीय बालिका शिविर के समुत्कर्षा कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयाग का अपना महत्व है और यह मान्यता है कि माघ मास में के अवसर पर सभी तीर्थ प्रयागराज में वास करते है। भारत की इस शास्त्रीय मान्यता आज इस आयोजन ने एक बार पुनः चरितार्थ कर दिया है जब एक  साथ हजारो बालिकाये पूर्वी प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से विद्या भारती द्वारा संचालित एवं अलग-अलग संस्थाओं से आयी हुयी है। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तीकरण की बात चल रही है तो विद्या भारती महिला सशक्तीकरण को एक वास्तविक रूप में प्रदर्शित करते हुए उन्हें देश के अन्दर बालिकाओ के उत्तम और संस्कारयुक्त शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदैव से मातृत्व प्रधान संस्कृति रही है। हम अपने देश को भी भारत माता के नाम सम्बोधित करते है। उन्होंने स्वतन्त्रता अभियान के बारे में महिलाओं के योगदान को याद दिलाते हुए रानी लक्ष्मीबाई एवं अहिल्याबाई होल्कर के जीवन एवं उनके संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाये अपना नेतृत्व देश को प्रदान कर रही है। देश की विदेश मंत्री, लोकसभा की स्पीकर, देश की रक्षा मंत्री के रूप मे कार्य कर महिलाओं ने अपनी प्रतिभा को विश्व के सामने रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा हम प्रयागराज की धरती पर तीन नदियों का संगम भी मातृ शक्ति के स्वरूप को प्रदर्शित करता है। जिसमे गंगा, यमुना एवं सरस्वती तीनो नदियों के संगम होने से महातीर्थ तीर्थराज प्रयागराज कहलाता है। प्रयाग राज की धरती पर पूर्वी प्रदेश के बालिकाये महिला सशक्तीकरण को आगे बढाने के लिए आयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व मे महिला सशक्तीकरण को बढाने का कार्य भारत की सरकार कर रही है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं का अभियान इसी महिला सशक्तिकरण पर आधारित है।

उन्होने कहा कि अगर बेटिया पढ़ेगी और बेटिया बचेगी तो भारत सशक्त, समर्थ, तथा श्रेष्ठ होगा। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की पूरी योजना महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 65 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के माध्यम से निःशुल्क रसोई गैस के कनेक्शन उपलब्ध कराये गये है। स्टेण्ड अप योजना का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण को और आगे बढाना है। एक महिला को और एक अनूसूचित जाति एवं जनजाति के किसी एक उद्यमी को स्वालम्बन के ओर अग्रसर करने के लिए बैंक उन्हे गोद लेकर आसान किस्तो पर सस्ते ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाता है। इस तरह की अनेक योजनाये चल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश मे एक साल पूर्व की स्थितियों को सुधारने का कार्य उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा किया गया है। उन्होने कहा कि बहन बेटिया सुरक्षित रहेंगी तो समाज अपने आप सुरक्षित महसूस करेगा। इसी उद्देश्य से एंटी रोमियो स्केवड का चलाया गया। उन्होंने कहा कि बहन बेटियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करते हुए उनकी प्रतिभाओं का लाभ समाज लेगा एवं उनके नेतृत्व मे देश आगे बढ़ेगा। निःशुल्क 181 हेल्पलाईन जो 24 घंटे संचालित होती है जिसमें किसी भी महिला को यदि असुरक्षा का भय होता है तो इस हेल्पलाईन के माध्यम से अपने आप को सुरक्षित कर सकती है। 1090 की हेल्पलाईन भी महिला के लिए उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा संचालित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि हर गांव में महिलाओ के सशक्तीकरण एवं उनके स्वालम्बन एवं सम्मान के लिए महिलाओं से सम्बन्धित स्वयंसेवी संस्था को प्रत्येक गांव में गठन किया जा रहा है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की उत्तर प्रदेश मे 60,000 ग्राम पंचायते है तथा हर ग्राम पंचायत में एक स्वयंसेवी समूह का गठित कर दिया गया है। उन्होने कहा कि स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से गांवो में महिलाओ के सशक्तीकरण के उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओ से सम्बन्धित योजनाओ का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार एवं शिविरो के आयोजन से महिलाओ को इन योजनाओ से अवगत कराते हुए उन्हें स्वालम्बन बनाते हुए महिला सशक्तीकरण को आगे बढाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समुत्कर्षा बालिका शिविर में कौशल विकास, कैरियर काउसिंलिंग, लेखन, के साथ नाम रोशन करने वाली महिलाओ के बारे तथा विभिन्न कार्यक्रमो को प्रस्तुत किये जाना एक अभिनव प्रयोग होगा। बालिका के जन्म से परिवार के  भेदभाव को समाप्त करते हुए बालिकाओ को महिला सशक्तीकरण की योजनाओं से उनकी प्रतिभाओं को निखारते हुए देश के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के द्वारा शिक्षा को गुणवत्ता, राष्ट्रीयता एवं संस्कार के साथ जोड़ने का कार्य किया जा रहा है वह एक सराहनीय एवं अभिनंदनीय एवं अन्य संगठनों के लिए अनुकरणीय भी है।

मुख्यमंत्री ने दावा करते हुवे कहाकि देश के अन्दर का माहौल तीव्र गति से बदल रहा है। आज विश्व में भारत का सम्मान निरन्तर बढ़ रहा है। कुम्भ का आयोजन हजारो सालों से होता आ रहे है और अभी 2019 मे कुम्भ का दिव्य एवं भव्य आयोजन किया जाना है। पहली बार कुम्भ के आयोजन को विश्व की सांस्कृतिक धरोहर के रूप मे यूनस्को ने मान्यता दे दी, जो दुनिया में भारत की संस्कृति के प्रति सम्मान को जाहिर करता है। इसी तरह योग की इस विरासत को यूनेस्को ने मान्यता दी और दुनिया के 192 देश योग की परम्परा से जुडे। भारत की संस्कृति को विश्व में मान्यता मिल रही है।

उन्होंने कहाकि आगमी 2019 में कुम्भ आयोजन करने का अवसर उत्तर प्रदेश को प्राप्त होगा तो सिर्फ यह उत्तर प्रदेश का नही दुनिया का यह अद्भभूत पर्व होगा। गंगा को अविरलता एवं निर्मलता के लिए भारत सरकार 20 हजार करोड़ की योजना लागू की है। हमे यह सोचना चाहिए कि हमारा जीवन समाज, संस्कृति एवं राष्ट्र के लिए है। प्रयागराज की धरती पर हर क्षेत्र से बडी संख्या में लोग यहां पर अध्ययन करने आते है और सफलता भी हासिल करते है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में आयी बालिकाओं के स्वर्णिम विकास एवं समाजिक विकृतियों के खिलाफ उन्हे खड़ा करेगा एवं समाज का मार्गदर्शन भी करेगी। उन्होंने कहा कि बालिकाये सिर्फ कल ही नागरिक नही बल्कि आज की नागरिक बनकर समाज का मार्गदर्शन करते हुए नेतृत्व करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने मे सफल होंगी।

महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता ने इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज देश में बेटिया पढ़े और बढ़े की भावना तीव्र गति से मूर्तरूप ले रही है। हर क्षेत्र के पदो को महिलाये सुसज्जित कर रही है। तकनीकी एवं प्रशासन के कार्य में भी महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि नारी से ही जीवन है। इस शिविर में बालिकाओ को विभिन्न प्रकार की कलाओ का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने शिविर में आयी बालिकाओं की उजज्वल भविष्य की कामना भी की।

ज्ञातव्य है कि विद्याभारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के द्वारा बालिकाओ में नवचेतना हेतु समर्पित क्षेत्रीय बालिका शिविर का आयोजन किया गया है जो 30 जनवरी 2018 तक चलेगा। इस शिविर में बालिकाओ में अन्तर्निहित असीम क्षमताओं एवं नैसर्गिक गुणों व शक्तियों के प्रकटीकरण हेतु विद्याभारती पूर्वी उत्तर प्रदेश की 15000 छात्राओं को चयनित किया गया है। कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

इस कार्यक्रम में मंत्री, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन एवं नागरिक उड्डयन विभाग नन्द गोपाल गुप्ता,  सांसद विनोद सोनकर, राष्ट्रीय संयोजिका, बालिका शिक्षा, विद्याभारती रेखा चुडासमा सहित हजारो की संख्या में बालिकायें उपस्थित थी।

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