दालमंडी में मीडिया के खिलाफ हो रहे उबाल पर – जाने दे नेता जी, बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी.
तारिक आज़मी.
वाराणसी. दालमंडी क्षेत्र में अवैध निर्माण के सम्बन्ध में मीडिया के द्वारा चलाई गई खबरों ने अचानक भूमाफियाओ में खलबली मचा के रख दी. मीडिया की रिपोर्ट्स की देन है कि विकास प्राधिकरण को जो अब तक कथित रूप से गर्म जेबों के साथ आराम से कुर्सी पर झूल कर नौकरी चला रहे थे, नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा और साथ में जो नये आये उनको भी पसीने बहाने पड़े. सब कुछ सही चल रहा था मगर कल बृहस्पतिवार को अचानक फिज़ाओ का रुख मोड़ दिया गया. अचानक फिजाये बदली और जी भर के मीडिया को गलिया दी गई. खूब मन भर भर के गालियों का दौर चला. हमारे कई पत्रकार बंधू मुह पर काफी गाली सुनकर खून का घूंट पीकर वापस चले आये. अरे साहब कर भी क्या सकते थे जब खुद चौक इस्पेक्टर साहब इन लोगो का साथ दे रहे हो और माईक पर चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हो हम आपके साथ है मीडिया वालो के खिलाफ मुकदमा कर दो. क्या हुआ जो अवैध निर्माण हो गया कोई सूली नहीं चढ़ा देगा बस हज़ार दो हज़ार रुपया जुर्माना लगेगा और फिर आपका भवन आपके हवाले हो जायेगा.
कमाल का फलसफा दिया है चौक के इस्पेक्टर साहब ने. अब तो भाई लोगो किसी को भी निर्माण करवाना है तो काहे प्राधिकरण का चक्कर काटना दौड़ना भागना, बस इस्पेक्टर साहब से संपर्क करे या न करे उनके कहे अनुसार भवन बनवा ले. वैसे तो प्राधिकरण वाले आयेगे नहीं अगर आ भी गए तो बस हज़ार दो हज़ार का जुर्माना लगा देंगे और फिर आपका काम हो गया, इससे अधिक तो आप नक्शा पास करवाने में खर्च कर देंगे. खैर साहब इस्पेक्टर साहब कह दिए तो कह दिये कोई इसके ऊपर प्रश्न चिन्ह न उठाये. इस सम्बन्ध में तो बात बाद में भी हो जायेगी. वो विकास प्राधिकरण जाने और इस्पेक्टर साहब तथा कप्तान साहेब जाने, यहाँ हम बात नेता जी लोगो की कर रहे है.
कल सुबह से ही मीडिया के खिलाफ लोगो को भड़काया जा रहा था. खूब उबाल पैदा किया जा रहा था और आखिर उबल ही गया. क्या गालिया सुनी मिडिया कर्मियों ने. वाह. खूब मर्दानगी दिखाया कुछ व्यक्ति विशेष नेतागणों ने. सूत्रों से प्राप्त सुचना के अनुसार हम सुबह से ही कह रहे थे कि मीडिया के खिलाफ आमजनों में भड़काऊ और झूठी अफवाहे फैला रहे है कुछ लोग. मगर प्रशासन शायद इसके ऊपर ध्यान ही नहीं देना चाहता था. शाम लगभग 3 बजे के करीब कुछ मीडिया कर्मी अपने कार्यो से दालमंडी के अन्दर गये. क्षेत्र के जोधा कतिपय युवको ने उनके साथ अभद्रता किया उनको गालिया दिया. मीडिया कर्मी झुण्ड के बीच अकेले थे. शांत अपमान सहकर वापस आ गये. इसको उसी क्षेत्र के युवको की जुबानी कल रात से लेकर अभी तक उनकी शूरवीरता के किस्सों के तौर पर सुना जा सकता है.
शाम 4 बजे के करीब सबकी गोलबंदी के बाद क्षेत्र के कुछ नेता लोगो ने विरोध शुरू किया. सूत्रों की माने तो इन नेताओ के तरफ से एक फरमान जारी हुआ और कहा गया कि मीडिया वालो को मारो. दालमंडी के अन्दर आ न सके अब मीडिया वाले. वह इस्पेक्टर साहेब ये आपके ऐलान के बाद का जज्बा था इन नेताओ का. मगर छोडिये साहेब इलाके की बात होती है आपसे कोई शिकायत नहीं है इस्पेक्टर साहेब. हमारा आपका तो चोली दामन का साथ है लगता है शायद दामन अपनी फिक्र करके चोली से अलग हो रहा है कोई बात नहीं हमने कलम उठाई है तो हम मीडिया कर्मी जवाब देना जानते है. अदालत का सम्मान है, जिनको आपने कहा है कि अदालत में मुकदमा करो उन सबका स्वागत है. हम अदालत का सम्मान करते है, सम्मानित अदालत हमसे प्रश्न पूछेगी तो हम जवाब दे लेंगे. मगर बात कुछ नेता लोगो से हो जाये.
तो भाई नेता जी लोग…. देखे बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी. आप मीडिया कर्मियों के ऊपर केस कर देगे, उनको दालमंडी में घुसने नहीं देंगे, दालमंडी क्या आपकी रियासत का हिस्सा है ? हम कह रहे है नेता जी कि बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी. आज आप विरोध कर रहे है हम मीडिया कर्मियों का उस समय कहा थे क्षेत्र की इज्ज़त की दुहाई देने वाले नेता जी लोग जब आपके क्षेत्र में ताबड़तोड़ अवैध निर्माण हो रहा था. जब सैकड़ो ट्रैक्टर मिटटी निकल कर फेकी जा रही थी तब क्या आपको अपने क्षेत्रीय सम्मानित नागरिक होने का अहसास नहीं था. वैसे कहा रहते है जब आपके क्षेत्र में अवैध कारोबार तक हो जाता है. अभी अधिक दिन नहीं हुवे है हजूर मीडिया का विरोध करने वाले नेताओं में से कई ने मिल कर शिकायते करना शुरू किया था कि क्षेत्र में जुआ होता है. ज्यादा टाइम नहीं हुआ है नेता जी लोग, कहा गई थी इलाके की मोहब्बत जब क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में कई हत्याये हो गई, कहा थी आपकी वह क्षेत्र के बदनामी की फिक्र जब ताबड़तोड़ कई वारदाते अपराधिक इस क्षेत्र में हुवा करती थी.
ओह शायद आप कहेगे कि उस समय आप छोटे थे बड़े नहीं हुवे थे, वह साहब वाह….. अमा नेता जी लोग सब मिलकर जितना मीडिया को गाली दे रहे हो न उतना मेहनत कर लो और सालो से सड़क पर बह रहा सीवर सही करवा लो. सीवर से याद आया कि उसके लिये भी मीडिया काम्पेनिंग करते है आप नेता लोग. वैसे मीडिया काम्पेनिंग से याद आया दीपावली पर छोटी छोटी दुकाने लगा कर पटाखा अब बिकता है कि नहीं मार्किट में, तब आपकी इलाके से मुहब्बत कहा जाती है जब पुरे क्षेत्र की सुरक्षा दाव पर रहती है. वैसे पहले सी.डी. बहुत पकड़ी जाती थी दालमंडी क्षेत्र में उस समय क्षेत्र की इज्ज़त का जज्बा कहा था साहब. आज आप इज्ज़त की दुहाई दे रहे है. क्या इलाके की तब बेईज्जती नहीं होती थी. कहा थे आपके यह जज्बे साहब जो आज मीडिया के लिये फूट कर बाहर निकल रहे है.
और नेता जी लोग इतिहास गवाह है हम मीडिया कर्मियों के कुर्बानी का. इतिहास गवाह है हम सच दिखाते है, आपको लगता है हमारे किसी साथी ने गलत खबर लिखा है तो आप जाओ अदालत है, पीसीआई है शिकायत करो न नेता जी लोग कि कानून हाथ में लेकर फैसला खुद करने सडको पर उतर जाओगे. क्या खुद को ही सबसे उत्तम समझ लिया है. हजारो मीडिया कर्मी है. हम दालमंडी आना छोड़ सकते है नेता जी लोग, खरीदारी कही और मार्किट से कर लेंगे, पैसे यहाँ भी देने है वहा भी देने है, हम मीडिया कर्मी आपसे फ़ोकट का माल लेने नहीं आते है, हम मीडिया कर्मी अपनी मेहनत का खाते है. अपनी सोचे नेता जी लोग हम बेदाग़ होते है और आज तक घोटाले के आरोप किसके ऊपर लगे है इसको बताने की ज़रूरत नहीं है.
तो हम मीडिया कर्मियों को गालिया देना बंद करे नेता जी लोग, किसी मीडिया हाउस से शिकायत है तो उसके लिये अदालत है वहा जाये, पीसीआई है वैसे हम जानते है कि काफी आपके साथ के लोग इस नाम तक को नहीं सुने होंगे खैर वहा शिकायत करे. जिसने जो खबर चलाई होगी उसका सबूत भी होगा उसके पास. नियम और कानून के अन्दर रह कर विरोध करे साहब पत्रकार पढ़े लिखे होते है. बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी…..