स्वास्थ्य मंत्री जी, शमीम की मौत हो गई …..

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद : स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में मरीज के इलाज में लापरवाही का नमूना देखिए। यह प्रकरण मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) का है। यहां भर्ती करेली के 40 वर्षीय शमीम को शनिवार को अस्पताल से कर्मचारियों ने बाहर कर दिया था। वह घंटों तड़पता रहा। कुछ लोगों के दखल पर उसे फिर भर्ती तो कर लिया गया था, लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।

शमीम परिवार का मुखिया था। उसकी तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी। पत्नी नाजिस ने काल्विन हास्पिटल में भर्ती कराया था। शनिवार की सुबह डाक्टरों ने उसे यह कहकर बाहर निकलवा दिया कि यहां उसका उपचार नहीं हो पाएगा. अस्पताल कर्मियों ने उसे अस्पताल के बाहर ब्लड बैंक के सामने जमीन पर रख दिया। पत्नी नाजिस व मां सलमा वहां अस्पताल में भर्ती के लिए लोगों से गुहार लगाती रही। कुछ लोगों के दबाव डालने पर घंटों बाद उसे अस्पताल में द्वितीय तल पर पुरुष वार्ड में भर्ती तो कर लिया गया था, लेकिन रविवार की सुबह शमीम जिंदगी की जंग हार गया। उसके नौ साल का बेटा यतीम हो गया है।

इस सम्बन्ध में जब हमने डा. आरके मिश्र, प्रमुख अधीक्षक काल्विन अस्पताल से बात किया तो उन्होंने कहा कि ‘मरीज सीरियस था। उसका पर्चा बनाकर यहां से रेफर कर दिया गया था, लेकिन वह यहां से जाना नहीं चाहता था। ऐसे में हमने फिर से उसे भर्ती कर लिया था।’

वही इस प्रकरण में सुहास एलवाई, डीएम, इलाहाबाद ने कहा कि  ‘जांच कराई जाएगी कि किन परिस्थितियों में मरीज का इलाज करने से इन्कार किया गया। रिपोर्ट आने पर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

वीके सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य, इलाहाबाद मंडल ने कहा कि ‘अस्पताल में मरीज का हर हाल में इलाज किया जाना चाहिए। इलाज में लापरवाही किए जान के मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।’

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